एक दौर ऐसा था जब देव आनंद पर लड़कियां मरती थी। लेकिन देव आनंद का दिल तो किसी और के लिए धड़कता था। वो थी उस जमाने की जानी- मानी एक्ट्रेस सुरैया बेगम। अपनी आत्मकथा ‘रोमांसिग विद लाइफ’ में देव आनंद ने बताया था कि, ‘काम के दौरान सुरैया से मेरी दोस्ती गहरी होती जा रही थी। धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई। एक दिन भी ऐसा नहीं बीतता था जब हम एक दूसरे से बात ना करें। अगर आमने-सामने बात नहीं हो पा रही हो तब हम फोन पर घंटों बात करते रहते थे। जल्द ही मुझे समझ आ गया कि मुझे सुरैया से प्यार हो गया है।’
एक्टर ने आगे बताया था, ‘लेकिन सुरैया की नानी इस प्रेम कहानी में सबसे बड़ी अड़चन थीं। सुरैया के घर में नानी की इजाजत के बगैर कुछ भी नहीं होता था। हमारी प्रेम कहानी की वो विलेन थीं। इसकी सबसे बड़ी वजह थी कि सुरैया मुस्लिम थीं जबकि मैं हिंदू।’
देव आनंद कहा था कि ‘सुरैया के लिए मैंने सगाई की अंगूठी खरीदी। मैं अंगूठी लेकर सुरैया के पास पहुंचा लेकिन उन्हें पता नहीं क्या हुआ उन्होंने मेरी दी हुई अंगूठी समुद्र में फेंक दी। मैंने कभी नहीं पूछा कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया। मैं वहां से चला आया। इस तरह से देव आनंद और सुरैया के प्रेम में मजहब दीवार बनकर आड़े आ गया और दोंनो ने फिर कभी एक दूसरे से मुलाकात नहीं की।