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दरअसल, कुछ समय पहले ही फिल्म ‘कागज़’ ( Kaagaz ) का ट्रेलर रिलीज़ हुआ था। इस फिल्म में अभिनेता पंकज त्रिपाठी ( Pankaj Tripathi ) एक ऐसे किरदार की भूमिका निभा रहे हैं जो मृत है। फिल्म का ट्रेलर जैसे ही आउट हुआ इस पर विवाद छिड़ गया। वाराणसी में डेडमैन के नाम से पहचाने जाने वाले संतोष मूरत सिंह ( Santosh Murat Singh ) इसके विरोध में खड़े हो गए हैं। उनका कहना है कि यह पूरी कहानी उनकी है और सलमान की टीम ने उनसे ही सारी जानकारी ली और किसी दूसरे के नाम से फिल्म बना डाली। अब संतोष का दावा है कि इसके गवाह मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी होंगे क्योंकि उन्होंने ही संतोष को ‘कागज’ नाम दिया था।
संतोष ने यह भी बताया कि 1995 में उनके गांव में एक बार नाना पाटेकर ( Nana Patekar ) फिल्म ‘आंच’ ( Aanch ) की शूटिंग के लिए आए थे। उस दौरान वह 18 साल के आए थे। नाना पाटेकर संतोष को अपने साथ मुंबई ले गए और उन्हें अपना कुक बना लिया। लगभग तीन साल बाद जब संतोष गांव वापस आए तो वहां के रेवेन्यू रिकॉर्ड्स में उन्हें मृतक दिखाकर उनकी 12 एकड़ से ज्यादा जमीन गांव के लोगों ने अपने नाम करा ली। जब उनके मां-बाप गुजर गए। तब से वह अपने जिंदा होने की जंग लड़ रहे हैं। यही वजह है कि अब डैडमैन के नाम से मशहूर हो गए हैं।
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संतोष का कहना है कि जब उनकी जिंदगी की कहानी सुनी तो फिल्म की टीम ने कहा था कि कहानी अच्छी है और इस पर फिल्म बन सकती है। लेकिन फिल्म बनाने पर उनसे कोई सहमती तक नहीं ली। अब कहा जा रहा है कि सलमान ने जो फिल्म बनाई है। वह संतोष की ही कहानी पर आधारित है, लेकिन नाम किसी और का दे दिया गया है। यही वजह है कि संतोष ने न्याय मांगने के लिए अब देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखा है और उन्होंने थाना चौबेपुर में शिकायत भी लिखवाई है। संतोष ने अपील की है कि सलमान खान, पंकज त्रिपाठी और फिल्म की टीम पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। बता दें 7 जनवरी को रिलीज़ होगी।