कई मांगें पेश कीं
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान फिल्म इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों की तरफ से कई मांगें पेश की गईं। इनमें तीन साल तक ब्याज मुक्त कर्ज देने, कर और शुल्क में छूट तथा औद्योगिक बिजली पर डिमांड चार्ज हटाने की मांग शामिल है। सूचना-प्रसारण मंत्री ने आश्वासन दिया है कि इन मांगों को संबंधित विभागों के विचारार्थ भेजा जाएगा।
रोज 30 करोड़ का घाटा
फिल्म इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने सूचना-प्रसारण मंत्री को बताया कि देश में 9,500 से ज्यादा स्क्रीन्स हैं। सिनेमाघरों में अकेले टिकटों की बिक्री से रोजाना 30 करोड़ रुपए का कारोबार होता है, जो करीब ढाई महीने से ठप पड़ा है। कई राज्यों में 13 मार्च से सिनेमाघर बंद होने लगे थे। लॉकडाउन की घोषणा के बाद सभी सिनेमाघर बंद हो गए। इससे इंडस्ट्री को अब तक करीब 2500 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
अटकी पड़ी हैं कई फिल्में
सिनेमाघर बंद होने से कई फिल्मों का प्रदर्शन आगे खिसकाना पड़ा। अप्रेल से जून की तिमाही को फिल्मों के लिए कारोबारी सीजन माना जाता है। इस साल पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान अजय देवगन की ‘तानाजी’ को छोड़ ज्यादातर फिल्मों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जबकि दूसरी तिमाही में अब तक कोई कारोबार नहीं हुआ। प्रदर्शन के लिए तैयार फिल्मों में अक्षय कुमार की ‘सूर्यवंशी’ और ‘लक्ष्मी बम’, रणवीर सिंह की ’83’, जाह्नवी कपूर की ‘गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल’, ईशान खट्टर की ‘खाली पीलीÓ तथा परिणीति चोपड़ा की ‘संदीप और पिंकी फरार’ शामिल हैं।