बॉलीवुड

चंकी पांडेय का छलका दर्द, कहा- ब्लॉकबस्टर फिल्म देने के बावजूद पड़ोसी देश में करना पड़ा काम

एक इंटरव्यू के दौरान चंकी ने कहा कि ‘शादी के बाद, मेरी पत्नी ने मुझसे कहा कि बॉलीवुड मेरी असली पहचान है। जब मैं हिंदी सिनेमा में …

Sep 23, 2019 / 08:01 pm

Shaitan Prajapat

chunky pandey

80 और 90 के दशक के मशहूर अभिनेता चंकी पांडे ने कहा कि सफलता का स्वाद चखने के बाद घर पर बैठना कठिन है, लेकिन खुद को छोटी-छोटी चीजों में मसरूफ रख आगे बढ़ा जा सकता है। ‘तेजाब’, ‘आग ही आग’ और ‘आंखे’ जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में जगह बनाने वाले चंकी को बॉलीवुड में काम मिलना बंद हो गया था। जिसके बाद उन्होंने बांग्लादेशी फिल्मों का रुख किया। उन्होंने एक बार फिर फिल्म ‘हाउसफुल’ (2010) और ‘बेगम जान’ (2017) से बॉलीवुड में वापसी की।
एक इंटरव्यू के दौरान चंकी ने कहा कि ‘शादी के बाद, मेरी पत्नी ने मुझसे कहा कि बॉलीवुड मेरी असली पहचान है। जब मैं हिंदी सिनेमा में वापस आया, तो मुझे एहसास हुआ कि एक पीढ़ी मुझे पूरी तरह भूल चुकी है। मैने संघर्ष करना शुरू किया। मैं लोगों से मिलता, काम मांगता और खुशकिस्मती से मुझे काम मिल गया।’ अभिनेता ने कहा कि फिल्मकार हैरी बवेजा, सुभाष घई और साजिद नाडियाडवाला ने मुझे अपना कॅरियर दोबारा बनाने में मदद की।
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चंकी ने कहा कि सफलता का स्वाद चखने के बाद घर बैठना मुश्किल होता है। अभिनेता ने कहा, ‘बिना काम के घर पर बैठने से आप तनाव में घिर जाते हैं, विशेषकर तब जबकि आप शोहरत की बुलंदियां छू चुके हों…।’ अभिनेता का मानना है कि खुद को मसरूफ रखके आप कठिन समय का सामना कर सकते हैं।

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