एक इंटरव्यू के दौरान चंकी ने कहा कि ‘शादी के बाद, मेरी पत्नी ने मुझसे कहा कि बॉलीवुड मेरी असली पहचान है। जब मैं हिंदी सिनेमा में वापस आया, तो मुझे एहसास हुआ कि एक पीढ़ी मुझे पूरी तरह भूल चुकी है। मैने संघर्ष करना शुरू किया। मैं लोगों से मिलता, काम मांगता और खुशकिस्मती से मुझे काम मिल गया।’ अभिनेता ने कहा कि फिल्मकार हैरी बवेजा, सुभाष घई और साजिद नाडियाडवाला ने मुझे अपना कॅरियर दोबारा बनाने में मदद की।
चंकी ने कहा कि सफलता का स्वाद चखने के बाद घर बैठना मुश्किल होता है। अभिनेता ने कहा, ‘बिना काम के घर पर बैठने से आप तनाव में घिर जाते हैं, विशेषकर तब जबकि आप शोहरत की बुलंदियां छू चुके हों…।’ अभिनेता का मानना है कि खुद को मसरूफ रखके आप कठिन समय का सामना कर सकते हैं।