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विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की पहली बार साल 1995 में पंजाब यूनिवर्सिटी में मुलाकात हुई थी। यही से दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला शुरू हो गया और दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। ‘द क्विंट’ को दिए एक इंटरव्यू में डिंपल ने विक्रम बत्रा के साथ बिताए पलों को याद किया था। उन्होंने बताया, ‘मैं विक्रम से पहली बार साल 1995 में चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी में मिली थी। हम दोनों ने एमए अंग्रेजी में एडमिशन लिया था। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था कि हम दोनों ने ही इस कोर्स को पूरा नहीं किया। मुझे लगता है कि ये नियति थी, जो हमें साथ लाने की कोशिश कर रही थी।’ विक्रम और डिंपल दोनों एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे और इस रिश्ते के लिए काफी सीरियस थे।
विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की पहली बार साल 1995 में पंजाब यूनिवर्सिटी में मुलाकात हुई थी। यही से दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला शुरू हो गया और दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। ‘द क्विंट’ को दिए एक इंटरव्यू में डिंपल ने विक्रम बत्रा के साथ बिताए पलों को याद किया था। उन्होंने बताया, ‘मैं विक्रम से पहली बार साल 1995 में चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी में मिली थी। हम दोनों ने एमए अंग्रेजी में एडमिशन लिया था। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था कि हम दोनों ने ही इस कोर्स को पूरा नहीं किया। मुझे लगता है कि ये नियति थी, जो हमें साथ लाने की कोशिश कर रही थी।’ विक्रम और डिंपल दोनों एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे और इस रिश्ते के लिए काफी सीरियस थे।
खून से भरी डिंपल की मांग
डिंपल ने एक बहुत ही खूबसूरत याद को शेयर करते हुए बताया, ‘हम दोनों अक्सर मंसा देवी मंदिर और गुरुद्वारा श्री नाडा साहिब जाते रहते थे। परिक्रमा करते वक्त वह मेरे पीछे चल रहे थे। उन्होंने मेरे दुपट्टे को पकड़ा हुआ था। परिक्रमा पूरी होने पर उन्होंने मुझे कहा, ‘बधाई हो मिसेज बत्रा। क्या आपको नहीं पता था कि, यह चौथी बार है, जब हम ये परिक्रमा कर रहे हैं?’ हालांकि, डिंपल के घरवाले उनपर शादी का दवाब बना रहे थे। ऐसे में एक दिन उन्होंने विक्रम बत्रा से शादी को लेकर बात की। जिस पर उन्होंने अपने पर्स से ब्लेड निकालकर अपना अंगूठा काट लिया और खून से डिंपल की मांग भर दी। डिंपल ने बताया था कि उनके जीवन का वह सबसे खूबसूरत पल था।
डिंपल ने एक बहुत ही खूबसूरत याद को शेयर करते हुए बताया, ‘हम दोनों अक्सर मंसा देवी मंदिर और गुरुद्वारा श्री नाडा साहिब जाते रहते थे। परिक्रमा करते वक्त वह मेरे पीछे चल रहे थे। उन्होंने मेरे दुपट्टे को पकड़ा हुआ था। परिक्रमा पूरी होने पर उन्होंने मुझे कहा, ‘बधाई हो मिसेज बत्रा। क्या आपको नहीं पता था कि, यह चौथी बार है, जब हम ये परिक्रमा कर रहे हैं?’ हालांकि, डिंपल के घरवाले उनपर शादी का दवाब बना रहे थे। ऐसे में एक दिन उन्होंने विक्रम बत्रा से शादी को लेकर बात की। जिस पर उन्होंने अपने पर्स से ब्लेड निकालकर अपना अंगूठा काट लिया और खून से डिंपल की मांग भर दी। डिंपल ने बताया था कि उनके जीवन का वह सबसे खूबसूरत पल था।
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दोनों ने फैसला किया था कि कारगिल युद्ध से लौटने के बाद वो शादी कर लेंगे। लेकिन 1999 में राष्ट्र के लिए लड़ते हुए विक्रम बत्रा शहीद हो गए। इसके बाद डिंपल ने कभी शादी नहीं की और विक्रम बत्रा की विधवा बनकर जीने का फैसला किया। इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘पिछले 17 सालों में एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ जब मैंने खुद को उससे अलग महसूस किया हो। ऐसा लगता है कि वह किसी पोस्टिंग पर दूर हैं। मैं अपने दिल में जानती हूं कि हम फिर से मिलने जा रहे हैं, बस समय की बात है। जब लोग विक्रम की उपलब्धियों के बारे में बात करते हैं तो मुझे बहुत गर्व होता है। लेकिन दिल के कोने में अफसोस भी होता है कि उन्हें यहां होना चाहिए था। अपनी वीरतापूर्ण कहानियां को सुनना चाहिए था। कैसे आज वो युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।’
दोनों ने फैसला किया था कि कारगिल युद्ध से लौटने के बाद वो शादी कर लेंगे। लेकिन 1999 में राष्ट्र के लिए लड़ते हुए विक्रम बत्रा शहीद हो गए। इसके बाद डिंपल ने कभी शादी नहीं की और विक्रम बत्रा की विधवा बनकर जीने का फैसला किया। इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘पिछले 17 सालों में एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ जब मैंने खुद को उससे अलग महसूस किया हो। ऐसा लगता है कि वह किसी पोस्टिंग पर दूर हैं। मैं अपने दिल में जानती हूं कि हम फिर से मिलने जा रहे हैं, बस समय की बात है। जब लोग विक्रम की उपलब्धियों के बारे में बात करते हैं तो मुझे बहुत गर्व होता है। लेकिन दिल के कोने में अफसोस भी होता है कि उन्हें यहां होना चाहिए था। अपनी वीरतापूर्ण कहानियां को सुनना चाहिए था। कैसे आज वो युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।’