उर्मिला मांतोडकर- विवेक ओबेरॉय ने इस तरह का अपमानजनक पोस्ट शेयर कर बेहद ही बुरा व्यवहार किया है। अगर उस औरत और बच्ची से माफी नहीं मांग सकते तो कम से कम अपनी पोस्ट तो डिलीट
कर दीजिए।
मधुर भंडारकर- प्रिय विवेक ओबेरॉय, मैंने कभी आपसे इस तरह के पोस्ट की उम्मीद नहीं की थी। ट्रोलर्स तो किसी मीम्स बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। लेकिन एक जिम्मेदार सेलिब्रेटी होने के नाते आपको किसी की छवि को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए। आप से निवेदन करता हूं कि इस पोस्ट को डिलीट करे दें और माफी मांगे।
अशोक पंडित- प्रिय विवेक ओबेरॉय, यह पूरी तरह से अपमानजनक है। इस तरह के घटिया पोस्ट को आप क्रिएटिव पोस्ट कैसे कह सकते हैं। आप जैसे संस्कारी शख्स से ऐसी उम्मीद नहीं थी।
करणवीर बोहर- मैं आपके सेन्स ऑफ ह्रूमर पर आश्चर्यचकित हूं। आखिरकर आपको यह किसी भी तरह से फनी कैसे लगता है। कृपया महिलाओं,बच्चों और बुजुर्गों के प्रति कुछ रिस्पेक्ट रखें। फिल्म को प्रमोट करने का यह तरीका सही नहीं है।
हालांकि कंगना की बहन रंगोली ने विवेक को नोटिस भेजने पर महिला आयोग की आलोचन की है।
रंगोली ने ट्वीट कर लिखा, ‘इंडिया मी टू और महिला आयोग भारत में फेमिनिज्म की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। आरोपी हर जगह काम कर रहे हैं और खुलेआम घूम रहे हैं। अंधराष्ट्रीयता और लिंग_ पक्षपात सरेआम दिखाया गया और यहां एक स्टूपिड जोक के लिए ये कीडे की तरह घूम रहे हैं जैसे किसी को फर्क पड़ता है। यह शर्मनाक है NCWI’ रंगोली ने आगे लिखा, ‘मैं कभी नहीं भूलूंगी कि कैसे एक बड़े स्टार के खिलाफ इन्होंने कंगना की शिकायत लिखने से इंकार कर दिया था। जब कई रेप और हैरासमेंट के केसों पर ध्यान नहीं दिया गया है वहीं ये बचकाने जोक पर लड़ने के लिए आए हैं।’ रंगोली ने आगे लिखा कि अंधराष्ट्रीवादी पुरुषों से ज्यादा खतरनाक वो महिलाएं हैं जो महिलाओं से ही नफरत करती हैं। भेड़ की खाल में भेड़िये… जलने वाली महिलाएं जिन्हें दूसरी महिलाओं से केवल इसलिए परेशानी होती है क्योंकि वो भी महिलाएं हैं। समय आ गया है कि सतर्क रहते हुए ऐसे कीडों का पता लगाकर उनकी सच्चाई सामने लाई जाए।