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बनना चाहते थे फोटोग्राफर प्राण ने एक्टर बनने से पहले फोटोग्राफर बनने का सपना देखा था। उन्होंने दिल्ली के ही एक फोटोग्राफी कंपनी से काम भी सिखा भी और किया भी। लेकिन वह बिल्कुल नहीं जानते थे कि किस्मत ने उनके लिए कुछ और ही सोच रख है।
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लौटाया फिल्मफेयर अवॉर्ड
फिल्मों में खलनायक बन लोगों के दिलों में खास जगह बनाने वाले प्राण का जादू भी इंडस्ट्री पर खूब चल रहा था। साल 1972 में फिल्म बेइमान के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाज़ा गया। लेकिन यह पुरस्कार प्राण ने लौटा दिया। दरअसल, उस समय कमाल अमरोही की फिल्म पाकीजा रिलीज़ हुई थी और उसे कोई भी पुरस्कार नहीं मिला था। ऐसे में प्राण का मानना था कि ‘पाकीजा’ को अवॉर्ड न देकर फ़िल्मफेयर ने अवार्ड देने में चूक हो हुई है।
खलनायक ही नहीं कई और रोल भी निभाए
प्राण को अधिकतर फिल्मों में विलेन के रोल में ही देख गया लेकिन एक्टर और डायरेक्टर मनोज कुमार ने प्राण को ऐसे किरदार दिए जिसमें एक अलग ही प्राण को दर्शकों ने देखा। फिल्म उपकार में प्राण का एक अलग ही किरदार देखने को मिला। इसके बाद कई और फिल्मों में भी प्राण की एक अलग अंदाज लोगों को देखने को मिला। जिसे खूब पसंद किया गया।
फिल्म बॉबी में मिली 1 रुपए फीस
प्राण इंडस्ट्री में अपनी दोस्ती के लिए भी जाने जाते थे। बताया जाता है कि फिल्म बॉबी के लिए प्राण को महज एक रुपए फीस दी गई थी। कहा जाता है कि अभिनेता और फिल्म निर्माता राज अपना सारा पैसा फिल्म मेरा नाम जोकर पर लगा चुके थे। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हो गई और वह आर्थिक तंगी से जूझते रहे। ऐसे में वह बॉबी से वह अपने हालतों से बाहर आने की उम्मीद जता रहे थे। जिसके लिए प्राण ने खुद आगे से फिल्म के लिए 1 रुपए की फीस को स्वीकार किया।
पाने खाने का रखते थे शौक
प्राण जितना खुशमिजाज शख्स उतना ही उन्हें पान खाने का शौक भी था और खास बात यह है कि उनकी पहली ही फिल्म में उन्हें पान की दुकान पर काम करने का रोल ऑफर किया गया था। वैसे आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि अपनी फिल्मी करियर की बात उन्होंने अपने पिता से छुपाया था। लेकिन जब उनका इंटरव्यू अखबार में छपा तो यह पढ़ उनके पिता काफी खुश हुए थे। 2013 में पद्मभूषण प्राण को भारत सरकार ने सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान ‘दादा साहब फाल्के’ से नवाज़ा!
12 जुलाई साल 2013 में प्राण साहब ने दुनिया को अलविदा कह दिया। वह अपनी ढेर सारी यादें छोड़कर दुनिया को अलविदा कह गए। लेकिन आज भी उनके किरदार लोगों के दिलों में जिंदा हैं।