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जब राज कपूर की मदद के लिए नरगिस ने बेच दिए लाखों के गहने

नरगिस के सिने कॅरियर मे उनकी जोड़ी राज कपूर के साथ काफी पसंद की गई

Jun 01, 2018 / 02:17 pm

Amit Singh

nargis

हिंदी फिल्मों की मशहूर अदाकारा नरगिस का आज जन्मदिन है। नरगिस का जन्म 1 जून 1929 को हुआ था। नरगिस की मां जद्दनबाई को शास्त्रीय संगीत का शौक था नरगिस को फिल्मों में काम करने के लिए उनकी मां का सहयोग मिला। नरगिस का वास्तविक नाम फातिमा राशिद था। नरगिस के पिता डॉक्टर थे। आज भी फिल्म ‘मदर इंडिया’ का नाम सुनते ही दिमाग में पहला चेहरा नरगिस का ही आता है। 1940 और 50 के दशक में नरगिस को कई बड़ी हिंदी फिल्में मिली थीं। इसके बावजूद बचपन में नर्गिस की अभिनय में कोई दिलचस्पी नहीं थी । उनकी तमन्ना डाक्टर बनने की थी जबकि उनकी मां चाहती थीं कि वह अभिनेत्री बनें।

 

महबूब खान ने दिया फस्ट चांस
एक दिन उनकी मां ने उनसे स्क्रीन टेस्ट के लिए फिल्म निर्माता एवं निर्देशक महबूब खान के पास जाने को कहा । चूंकि नर्गिस अभिनय क्षेत्र में जाने की इच्छुक नहीं थीं इसलिए उन्होंने सोचा कि यदि वह स्क्रीन टेस्ट में फेल हो जाती हैं तो उन्हें अभिनेत्री नहीं बनना पड़ेगा। स्क्रीन टेस्ट के दौरान नर्गिस ने अनमने ढंग से संवाद बोले और सोचा कि महबूब खान उन्हें स्क्रीन टेस्ट में फेल कर देंगे लेकिन उनका यह विचार गलत निकला। महबूब खान ने अपनी फिल्म ‘तकदीर’ के लिए बतौर नायिका उन्हें चुन लिया।

 

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राजकपूर के साथ हिट जोड़ी
नरगिस के सिने कॅरियर मे उनकी जोड़ी राज कपूर के साथ काफी पसंद की गई। राज कपूर और नरगिस ने सबसे पहले फिल्म वर्ष 1948 मे प्रदर्शित फिल्म ‘आग’ मे एक साथ अभिनय किया था । इसके बाद नरगिस ने राजकपूर के साथ ‘बरसात’,’अंदाज’,’जान-पहचान’,’प्यार’,’आवारा अनहोनी’,’आशियाना’,’आह’,’धुन’, ‘पापी’,’श्री 420′,’जागते रहो’,’चोरी-चोरी’ जैसी कई फिल्मों में भी काम किया। वर्ष 1956 मे प्रदर्शित फिल्म ‘चोरी चोरी’ नरगिस और राजकपूर की जोड़ी वाली अंतिम फिल्म थी । कहते हैं कि एस समय ऐसा था जब आवारा फिल्म की शूटिंग के दौरान एक गाने को फिल्माने के लिए ही राजकपूर ने 8 लाख रुपये खर्च कर दिए। वहीं, इस पूरी फिल्म का बजट ही 12 लाख था ऐसे में फिल्म ओवरबजट हो गई तो नरगिस ने अपने गहने बेचकर राज कपूर की मदद की और अपने गहने राज के लिए बेंच दिए थे।

 

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‘मदर इंडिया’ बनी लाइफ चेंजर
वर्ष 1957 में महबूब खान की फिल्म ‘मदर इंडिया’ नर्गिस के सिने कैरियर के साथ ही व्यक्तिगत जीवन में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इस फिल्म में नर्गिस ने सुनील दत्त की मां का किरदार निभाया था। ‘मदर इंडिया’ की शूटिंग के दौरान नरगिस को आग से सुनील दत्त ने बचाया था । इस घटना के बाद नर्गिस ने कहा था कि पुरानी नर्गिस की मौत हो गई है और नई नर्गिस का जन्म हुआ है । नर्गिस ने अपनी उम्र और हैसियत की परवाह किये बिना सुनील दत्त को अपना जीवन साथी चुन लिया।

 

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राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली पहली अभिनेत्री
शादी के बाद नर्गिस ने फिल्मों में काम करना कुछ कम कर दिया। करीब दस वर्ष के बाद अपने भाई अनवर हुसैन और अख्तर हुसैन के कहने पर नर्गिस 1967 में फिल्म ‘रात और दिन’ में काम किया। इस फिल्म के लिये उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पहला मौका था जब किसी अभिनेत्री को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था। नरिगस के सिने कॅरियर में उनकी जोड़ी राजकपूर के साथ काफी पसंद की गई। नरगिस ने अपने सिने कॅरियर में लगभग 55 फिल्मों में काम किया। नरगिस को अपने सिने कॅरियर में काफी मान-सम्मान मिला। उन्हें पदमश्री पुरस्कार भी मिला। वह राज्यसभा सदस्य भी रही। अपने संजीदा अभिनय से सिने प्रेमियों को भावविभोर करने वाली नरगिस 03 मई 1981 को सदा के लिये इस दुनिया से रूखसत हो गईं।

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