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बॉलीवुड

एक थप्पड़ ने राज कपूर को बनाया बॉलीवुड का शो मैन, कभी करते थे ये छोटा काम..

अगले दिन उन्होंने अपनी नई फिल्म ‘नीलकमल’ के लिए राज कपूर को साइन कर लिया।

Dec 14, 2018 / 02:43 pm

Mahendra Yadav

Raj kapoor

बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फिल्में देने वाले पहले शो मैन राज कपूर बचपन से अभिनेता बनना चाहते थे और इसके लिए उन्हें न सिर्फ क्लैपर बॉय बनना पड़ा बल्कि केदार शर्मा से थप्पड़ भी खाना पड़ा था। 14 दिसंबर, 1924 को पेशावर (अब पाकिस्तान) में जन्मे राज कपूर जब मैट्रिक की परीक्षा में एक विषय में फेल हो गए थे तो उन्होंने अपने पिता पृथ्वीराज कपूर से कहा, ‘मैं पढऩा नहीं चाहता। मैं फिल्मों में काम करना चाहता हूं। मैं एक्टर बनना चाहता हूं। फिल्में बनाना चाहता हूं।

सिर्फ 10 साल की उम्र में किया डेब्यू:
राज कपूर ने अपने सिने कॅरियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार वर्ष 1935 में प्रदर्शित फिल्म ‘इंकलाब’ से की। जब वह सिर्फ 10 साल के थे। बतौर अभिनेता वर्ष 1947 में प्रदर्शित फिल्म ‘नीलकमल’ उनकी पहली फिल्म थी। इस फिल्म में उनके अपोजिट लीड हीरोइन मधुबाला थी।

 

पहले जड़ा थप्पड़, फिर बनाया हीरो:
पृथ्वीराज कपूर ने अपने पुत्र राज को केदार शर्मा की यूनिट में क्लैपर बॉय के रूप में काम करने की सलाह दी। एक बार फिल्म ‘विषकन्या’ की शूटिंग के दौरान राज कपूर का चेहरा कैमरे के सामने आ गया और हड़बड़ाहट में चरित्र अभिनेता की दाढ़ी क्लैप बोर्ड में उलझकर निकल गई। बताया जाता है कि केदार शर्मा ने राज कपूर को अपने पास बुलाकर जोर का थप्पड़ लगाया। हालांकि केदार शर्मा को इसका अफसोस रात भर रहा। अगले दिन उन्होंने अपनी नई फिल्म ‘नीलकमल’ के लिए राज कपूर को साइन कर लिया।

नरगिस के साथ हिट रही जोड़ी:
राज कपूर और नरगिस ने एक साथ 16 फिल्में की थी और उनकी जोड़ी उस समय दर्शकों के बीच काफी हिट रही थी। दोनों सबसे पहले वर्ष 1948 में प्रदर्शित फिल्म ‘बरसात’ में नजर आए। इसके बाद ‘अंदाज’ , ‘जान-पहचान’, ‘आवारा’, ‘अनहोनी’, ‘आशियाना’ , ‘अंबर’ , ‘आह’, ‘धुन’, ‘पापी’, ‘श्री 420’, ‘जागते रहो’ और ‘चोरी-चोरी’ जैसी कई फिल्मों में भी दोनों ने एक साथ काम किया।
 

एक थप्पड़ ने राज कपूर को बनाया बॉलीवुड का शो मैन, कभी करते थे ये छोटा काम..

‘आग’ ने दिलाई ग्लोबल स्तर पर पहचान
राज कपूर फिल्मों में अभिनय के साथ ही कुछ और भी करना चाहते थे। वर्ष 1948 में उन्होंने आर.के. फिल्मस की स्थापना कर ‘आग’ का निर्माण किया। वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म ‘आवारा’ राज कपूर के सिने कॅरियर की अहम फिल्म साबित हुई। फिल्म की सफलता ने राज कपूर को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई। फिल्म का शीर्षक गीत ‘आवारा हूं या गर्दिश में आसमान का तारा हूं.’ देश-विदेश में बहुत लोकप्रिय हुआ।

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