छोटी उम्र में ही हो गलत संगत में फंसे थे संजय:
संजय को बचपन से ही घर में वो सारी सुख सुविधाएं मिली जो अमूमन कम लोगों को ही नसीब होता है। संजय के माता-पिता दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री से थे। परिवार के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी और माता-पिता दोनों अपने कॅरियर में बिजी थे, इसी दौरान संजय ने कॉलेज जाना शुरू किया और इसी दौरान वे गलत संगत में पड़ गए और उन्हें गांजा और ड्रग्स की लत लग गई। संजय के बचपन से ही पढ़ाई में कोई खास रुचि नहीं थी। लेकिन पिता के कहने पर वह कॉलेज गए और अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
पिता से छुपकर करते थे ये काम:
संजय के पिता सुनील दत्त को संजय के गांजे और ड्रग्स की लत के बारे में कोई खैर खबर नहीं थी, लेकिन उनकी मां नरगिस को इसका एहसास होने लगा था। उन्हें संजय पर तब शक हुआ जब संजय अपने आपको एक कमरे में कैद रखने लग गए थे। पता चलने के बावजूद संजय की मां ने इस बात की जानकारी अपने पति को नहीं दी। उन्हें लगा कि वह अपने प्यार और अपने तरीके से संजय को लाइन पर ला सकती हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
काम में बिजी होने से छूट जाएगी लत:
सुनील दत्त को जब इस बात का पता चला कि उनका लाड़ला बेटा किस तरह से ड्रग्स की लत में गिरफ्तार हो गया है तो उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा। उन्होंने संजय को काम में बिजी रखना शुरू कर दिया। सोचा शायद इससे संजय के ड्रग्स लेने बुरी लत छूट जाएगी। इसके लिए सुनील ने एक दिन संजय को अपने आॅफिस बुलाया जिससे उनकी पहली डेब्यू फिल्म ‘रॉकी’ के शूटिंग शेड्यूल पर बात की जा सके। संजय आॅफिस तो पहुंचे, लेकिन उस समय भी उन्होंने ड्रग्स की हाई डोज ले रखी थी। ये पहली बार था जब सुनील ने अपने बेटे को इस हालत में देखा था।
बेटी की डेब्यू फिल्म नहीं देख पाईं नरगिस:
बता दें कि एक तरफ संजय डेब्यू फिल्म की तैयारी में लगे थे, वहीं दूसरी तरफ उनकी मां नरगिस दत्त की तबीयत बिगड़ने लगी। नरगिस कैंसर से पीड़ित थी। 1981 में संजय की डेब्यू की फिल्म की रिलीज डेट 8 मई निर्धारित की गई। उस दौरान नरगिस को तबीयत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां एक और सुनील समेत पूरा परिवार नरगिस की वजह से बहुत टेंशन में था, वहीं नरगिस को बेटे के नशे की चिंता खाए जा रही थी। सुनील दत्त ने फिल्मों के प्रीमियर के लिए घर में ही बने थिएटर में 8 मार्च को नरगिस को फिल्म दिखाने की सोची लेकिन फिल्म देखते-देखते अचानक नरगिस की तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें दूसरे कमरे में लाकर सुला दिया गया।
मां की मौत पर ड्रग्स मांग रहे थे संजय:
संजय के जीवन का वो वक्त कितना भयानक होगा इस बात अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नरगिस की मौत पर रोने की बजाय संजय बहन प्रिया दत्त से चरस मांग रहे थे। क्योंकि वे उस समय संजय को नशे की लत इस कदर लग चुकी थी कि उन्हें पता ही नहीं था कि घर में क्या हो रहा है। उनकी ऐसी हालत देख सुनील पूरी तहर से पागल हो गए थे। एक तरफ अपनी पत्नी के जाने का गम और दूसरी तरफ बेटे की ऐसी हालत। सुनील पूरी तरह से मानों टूट चुके हों। इसके बाद उन्होंने बिना देरी किए विदेशी डॉक्टरों से बात की और इलाज के लिए पहले जर्मनी ले गए फिर अमरीका। इलाज के बाद संजय को पता चला कि उनकी मां का निधन हो गया है जब जाकर वो खूब रोए। इतने रोए कि चार दिन तक लगातार रोते ही रहे। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं है।