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इस फिल्म इंडस्ट्री को साधना ने न जाने कितनी हिट फिल्में दी हैं, लेकिन एक दौर ऐसा भी आया जब एक्ट्रेस पर मुसीबतों का पहाड़ आ गिरा था। उस दौरान कहा जाता है कि कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया।
क्या आप जानते हैं साधना बचपन से ही हीरोइन बनना चाहती थीं। उन्हें पहला ब्रेक 1955 में आई फिल्म ‘श्री 420’ से मिला। फिल्म हिट रही और इसमें साधना के काम को नोटिस किया गया। इसके बाद तो एक्ट्रेस ने ‘लव इन शिमला’, ‘प्रेम पत्र’, ‘एक मुसाफिर एक हसीना’, ‘वो कौन थी’ और ‘मेरा साया’ जैसी कई बड़ी हिट फिल्में दीं और इन फिल्मों के कारण वह काफी पॅापुलर हो गईं।
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साधना ने ‘लव इन शिमला’ के डायरेक्टर राम कृष्ण नय्यर से 1966 में शादी की थी। उस समय साधना सिर्फ 16 साल की थीं और नय्यर 22 साल के। साधना के पैरेंट्स उनकी शादी के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन राज कपूर की मदद से दोनों की शादी हो पाई। पर फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने के बाद साधना की हालत बेहद खराब हो गई थी।
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नय्यर का निधन 1995 में हो गया था। दोनों के कोई बच्चे नहीं थे। पति की मौत के बाद वो अकेले रह गई थीं। उस दौरान साधना को बीमारियों ने जकड़ लिया। साधना को थॉयरॉइड की बीमारी हो गई जिसकी वजह से उन्हें एक्टिंग में भी तकलीफ होने लगी। इसके इलाज के लिए उन्होंने फिल्मों से कुछ वक्त का ब्रेक लिया। धीरे-धीरे थायरॉइड की वजह से साधना की आंखों में भी परेशानी बढ़ गई और एक वक्त वो आया जब उन्होंने पब्लिक इवेंट्स, फंक्शन में जाना और फोटो तक खिंचवाना बंद कर दिया। अपने अंतिम दिनों में भी साधना गुमनामी जैसी जिंदगी में ही रहीं। इस बात का जिक्र खुद उनकी दोस्त एक्ट्रेस तबस्सुम ने 2015 में दिए एक इंटरव्यू में किया था।