एक्टिंग के अलावा दीप्ती को संगीत से भी लगाव है। भले ही दीप्ति(Deepti Naval) ने अपने करियर की शुरूआत श्याम बेनेगल की फिल्म ‘जुनून’ से की थी। लेकिन यह फिल्म ज्यादा सफल नही हो पाई। और फिर साल 1979 में आई फिल्म ‘एक बार फिर’ से उन्हें की काफी अच्छी पहचान मिली।
दीप्ति को एक्टिंग के साथ संगीत का भी काफी शौक था। उन्होनें इन शौक को बनाए ऱखा और इसके साथ -साथ निर्देशन में भी हाथ आज़माया है। उन्होंने मनीषा कोइराला की फिल्म ‘पैसे की धूप’, ‘चार आने की बारिश’ का निर्देशन किया है। इस फिल्म को साल 2009 कैन फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया था
दीप्ती के बारे में कहा जाए तो उनकी जोड़ी फारूख शेख के साथ ज्यादा अच्छी लगती थी और फैंस भी इस जोड़ी को ज्यादा पसंद करते थे। इस जोड़ी ने एक साथ काम करते हुए कई हिट फिल्में दी। और इसी बीच दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे थे। यहां तक कि इस जोड़ी को एक साथ देखते हुए अभिनेता फारुख शेख को इश्कबाज़ भी कहा जाने लगा था दीप्तिने फारूख के करीब होने के बाद भी दिल की बात को कभी जाहिर तक नही होने दिया। लेकिन जिस दिन फारूक की मौत हुई उस दिन दीप्ति उनकी दूरी को बर्दाश्त नही कर पाई,और उस दिन काफी फूटफूटकर रोई थीं।
दीप्ति के बारे में बात करें, तो इन दिनों यह अभिनेत्री फिल्मों के साथ-साथ मनोरोगियों के बारे में समाज में जागरूकता फ़ैलाने का काम कर रही है साथ ही वो लड़कियों की शिक्षा के लिए भी कार्य कर रही है और इसके लिए दीप्ति दिवंगत विनोद पंडित के नाम ‘विनोद पंडित चैरिटेबल ट्रस्ट’ से जुड़ी हैं।