उदय जरीवाला ने कहा, ‘मेरे चाचा की जीवनी बहुत पहले लिखी जानी चाहिए थी। जब रीता गुप्ता ने उनकी जीवनी लिखने के लिए संपर्क किया तो मुझे बहुत खुशी हुई।’ उन्होंने कहा, ‘संजीव कुमार की कहानी सुनाई जानी चाहिए क्योंकि वह हमें बहुत जल्दी छोड़कर चले गए थे। उनके द्वारा निभाया गया आम आदमी का किरदार आज भी जीवंत है। उनकी मृत्यु के आठ साल बाद भी, वर्ष 1993 तक निर्माता उनकी फिल्में रिलीज करते रहे थे। आज भी पूरे विश्व में बसे भारतीय उन्हें एक बेहतरीन कलाकार के रूप में देखते हैं।’
पुस्तक के अगले साल नवंबर में संजीव कुमार की 35वीं पुण्यतिथि पर बाजार में आने की उम्मीद है। गुप्ता ने कहा कि कुमार की कहानी पुस्तक के रूप में ही नहीं बल्कि फिल्म या वेब श्रृंखला के रूप में भी आनी चाहिए। बता दें कि गुप्ता की यह तीसरी पुस्तक है। इससे पहले उन्होंने रूपा से प्रकाशित राकेश ओमप्रकाश मेहरा की आधिकारिक जीवनी भी लिखी है।