गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में संस्कृत लिटरेचर के 30 छात्र पिछले 12 दिनों से बीएचयू के वाइस-चांसलर राकेश भटनागर के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, तब तक वे अपना प्रदर्शन नहीं खत्म करेंगे।
वहीं परेश रावल ने छात्रों के इस प्रदर्शन को लेकर एक अन्य ट्वीट में लिखा,’इस लॉजिक के मुताबिक मोहम्मद रफी को भजन नहीं गाने चाहिए और नौशाद साबह को इन्हें कंपोज नहीं करना चाहिए।’ यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि उन्होंने प्रोफेसर फिरोज खान को इसलिए नियुक्त किया क्योंकि वह इस पद के लिए उपयुक्त हैं। साथ ही नियुक्ति में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।