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Lata Mangeshkar Passes Away: सारी उम्र कुंवारी ही रह गई लता मंगेशकर, छोटी सी उम्र में हुई इस घटना ने बदल दी जिंदगी

स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से भारतीय संगीत जगत में एक ऐसा खालीपन पैदा हो गया जिसे कभी भरा नहीं जा सकता। आज हम बताएंगे कि आखिर क्यों लता जी ने ताउम्र शादी नहीं की।

Feb 06, 2022 / 12:12 pm

Mahima Pandey

Lata Mangeshkar

स्वर कोकिला लता मंगेशकर का मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लता मंगेशकर कोरोना से संक्रमित थीं और की दिनों से आईसीयू में भर्ती थीं। उनके निधन से भारतीय संगीत जगत में एक ऐसा खालीपन पैदा हो गया जिसे कभी भरा नहीं जा सकता। पर क्या आपने कभी सोचा है, आखिर लता मंगेशकर ने कभी शादी क्यों नहीं की? क्यों उन्होंने अपने लिए कोई हमसफर नहीं चुना। आइये जानते हैं इसके पीछे की वजह।

13 साल की उम्र हुई ये घटना

दरअसल, इस बात का खुलासा खुद लता मंगेशकर ने खुद एक इंटरव्यू में किया था। लता जी के मुताबिक, जब वो 13 साल की थीं तब उनके पिता का निधन हो गया था और ऐसे में उन पर घर-परिवार एवं अपने भाई-बहनों की जिम्मेदारी आ गई थी। ऐसे में कई बार शादी का ख्याल आया पर मैं उस पर अमल नहीं कर सकी। कम उम्र से ही मैंने काम शुरू कर दिया था जिसके बाद काम और परिवार में इतनी व्यस्त हो गई कि शादी के बारे में सोचने के अवसर नहीं मिला।

बता दें कि लता मंगेशकर ने 11 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। जब वो 13 साल की थीं तब उन्होंने मराठी फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ के लिए गाया। लता ने साल 1947 में हिंदी सिनेमा के लिए गाना शुरू किया था। इस दौरान उनकी उम्र 18 साल थीं। सबसे पहले लता ने फिल्म ‘आपकी सेवा’ के लिए गाना गाया था।


जब लता को कर दिया गया था रिजेक्ट

इससे पहले कभी लता की आवाज को पतली बताकर उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था। दरअसल, लता जी के गुरु गुलाम हैदर ने एस मुखर्जी को फिल्म ‘शहीद’ के लिए लता की आवाज सुनाई थी तब उन्होंने आवाज पतली बताकर उन्हें गाने के लिए मना कर दिया गया था।

एक बार जब गुलाम हैदर, लता मंगेशकर और दिलीप कुमार मुंबई की लोकल ट्रेन में कहीं जा रहे थे तब हैदर ने दिलीप कुमार को लता की आवाज सुनाने के बारे में सोचा। ऐसे में लता जी ने गाना शुरू किया और दिलीप ने उन्हें टोकते हुए कहा कि मराठियों की आवाज से ‘दाल-भात’ की गंध आती है। इसके बाद लता जी ने अपने उच्चारण पर काम किया और हिंदी और उर्दू सीखी थी।
फिर मिला भारतरत्न

लता मंगेशकर को संगीत की दुनिया में उनके अमूल्य और कभी न भूलने वाले योगदान के लिए (भारत रत्न साल 2001, पद्म भूषण साल 1969 और पद्म विभूषण साल 1999) से सम्मानित किया गया। वहीं, वे तीन राष्ट्रीय और चार फिल्मफेयर पुरस्कारों से भी सम्मानित हुई थीं। इसके अलावा उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका था।

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अब लता मंगेशकर के निधन से सुर जगत में शोक की लहर है। संगीत की दुनिया में उनका योगदान हमेशा अमर रहेगा।

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