एक इंटरव्यू के दौरान आयुष्मान ने बताया कि एक कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझे कहा कि मैं अगर अपने टूल दिखाऊ तो वे मुझे फिल्म में लीड रोल देंगे, मैंने उन्हें साफ कहा कि मैं स्ट्रेट हूं मैंने उन्हें मना कर दिया।
उन्होंने इंडस्ट्री के अपने शुरुआती दिनों के बारे में कहा, सोलो टेस्ट के लिए ऑडिशन होता था, एक कमरे में एक समय में एक ही व्यक्ति ही दिखते थे, अचानक से वहां लोगों की संख्या बढ़ जाती थी और एक कमरे में करीब 50 लोग नजर आने लगते थे, जब मैंने इस पर बात उठाई तो उन्होंने मुझे वहां से निकल जाने के लिए कहा, तो मैंने भी बहुत रिजेक्शन फेस किए हैं, लेकिन इस रिजेक्शन ने मुझे कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाया है।
उन्होंने कहा मैं रिजेक्शन को फेस करना जानता था, शुरुआत के रिजेक्शन ने मुझे मजबूत बनाया था, लेकिन आज के समय में मैं शायद यह सहन नहीं कर पाता, हर शुक्रवार सब कुछ बदल जाता है दो-तीन सालों में मेरे लिए हर शुक्रवार लकी रहा, शायद मेरा यह नसीब है।
छोटे पर्दे पर कदम रखने के बाद आयुष्मान ने 2012 में विक्की डोनर फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की, उन्होंने अपने अभिनय और मजाकिया स्क्रीन उपस्थिति के दम पर दर्शकों का दिल जीत लिया ,आज उनकी गिनती एक बड़े कलाकार के रूप में होती है