उनके जीवन में एक दौर ऐसा भी आया था जब उन्हें अपनी नौकरी से और अपनी पहली फ़िल्म की स्क्रीन टेस्ट में से किसी एक चीज़ को चुनना था। अमिताभ बच्चन को 1600 रुपए की नौकरी और मनोज कुमार की फिल्म यादगार में एक छोटे से रोल के बीच बड़ा फैसला लेना था। उनके लिए यह इतना आसान नहीं था क्योंकि मनोज कुमार की फिल्म में काम मिलना बड़ी बात थी वहीं, 1600 रुपए की नौकरी भी काफी महत्वपूर्ण थी। 1600 रुपए उस ज़माने में काफ़ी बड़ी रक़म हुआ करती थी।
आपको बता दें कि अमिताभ बच्चन ने 1600 रुपए की नौकरी को नहीं ठुकराया बल्कि उन्होंने अपनी स्क्रीन टेस्ट को नहीं दिया और व दिल्ली वापस लौट आए। सात हिंदुस्तानी फिल्म ऑफर की गई थी तब इसी बीच नरगिस को एक और मौका मिला था। अमिताभ बच्चन की स्क्रीन टेस्ट लेने के लिए। इस बार अमिताभ बच्चन ने अपने पहले स्क्रीन टेस्ट को दिया।
अभिनेता की मां अमिताभ बच्चन के करियर को लेकर काफ़ी ज़्यादा परेशान रहा करती थी। अमिताभ की माने नरगिस से अमिताभ बच्चन का पहला स्क्रीन टेस्ट लेने की बात कही थी। जिसके बाद नरगिस ने मोहन सहगल से बात की थी जिसके बाद मोहन सहगल ने अमिताभ बच्चन का पहला स्क्रीन टेस्ट लेने के लिए हां कर दिया था।
अभिनेता अमिताभ बच्चन ने हिंदी फ़िल्म जगत में अपना पहला स्क्रीन टेस्ट देने के लिए दिल्ली छोड़ मुंबई पहुंच गये थे। यह उनकी जीवन का सबसे बेहतरीन फ़ैसला रहा होगा। स्क्रीन टेस्ट के बावजूद अमिताभ बच्चन को इस फ़िल्म में काम नहीं मिला था।