अमिताभ ने जीवन को लेकर अपने विचार रखते हुए लिखा, ‘जिंदगी कभी हार नहीं मानती और यह कभी आसानी से हार न मानने की अपील करती है। यही जिंदगी की खासियत है। जिंदगी निरंतर एक मरम्मत का काम है…। हर दिन के शुरू होते ही इस बात की अपेक्षा रहती है कि आगे क्या होगा, किन प्रयासों का सामना करना होगा। यहां जो भी है, अज्ञात है। अन्तत: रहस्योद्घाटन होता है कि यह निरंतर एक प्रगति का काम था और किसी को यह करना ही था, क्योंकि इसे मरम्मत की जरूरत है… सुलझाए जाने की जरूरत है… उपाय की जरूरत है।
उन्होंने इसमें उल्लेख किया है कि किस तरह से एक इंसान को हर रोज संघर्षो से होकर गुजरना पड़ता है, ‘धूल, गंदगी, मिट्टी, बारिश और गर्मी’ इन बाधाओं के होते हुए भी वह जीवित रहने के लिए अपने संघर्ष को जारी रखता है।