वही खुदा गवाह की शूटिंग के दौरान पूरे 1 महीने के लिए वहां की सरकार द्वारा मूवी स्टार्स के लिए हवाई सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, जिससे मूवी के स्टार कास्ट को अच्छी सुरक्षा मिल सके। वहीं अफगानिस्तान के हालात खराब होने के चलते एक्टर्स को शूटिंग के बाद बाहर जाने की भी परमिशन नहीं दी जाती थी। वहीं मीडिया से बात करते हुए खुदा गवाह के फिल्ममेकर मनोज देसाई ने बताया कि इस फिल्म के लीड़ एक्टर अमिताभ बच्चन चाहते थे कि खुदा गवाह की शूटिंग अफगानिस्तान में हो, जिसको लेकर उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से तक बात कर ली थी। वही राजीव गांधी के तत्कालीन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति नजीबुल्लाह से काफी अच्छे रिश्ते थे, जिसके कारण शूटिंग की परमिशन मिलने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।
ये भी पढ़े- थाई सिल्ट गाउन पहन कर बॉलीवुड डिवास ने बढ़ाया पारा, उन्हें देख हर कोई बोला “हाय गर्मी” वहीं खुदा गवाह के फिल्म मेकर मनोज देसाई ने बताया कि इस फिल्म का बुजकशी का सीन अफगानिस्तान के मजार ए शरीफ में फिल्माया गया था, दरअसल अमिताभ बच्चन इस सीन को रियल बनाना चाहते थे और उनकी इच्छा थी कि फिल्म को युद्धग्रस्त एरिया में शूट किया जाए। वहीं आगे मनोज बताते हैं कि जैसे ही अमिताभ की मां को इस बात की जानकारी लगी कि वे फिल्म की शूटिंग युद्ध ग्रस्त एरिया में करने वाले हैं तो उन्होंने फिल्ममेकर की अच्छी क्लास ले ली। उन्होंने मनोज देसाई को खूब सुनाया और कहा कि अगर उनके बेटे को कुछ भी हुआ तो वह वापस वह भारत लौट कर ना आए और वही खुदकुशी कर के मर जाए।
इधर लेट श्रीदेवी की मां का भी बिल्कुल सेम रिएक्शन था उन्होंने भी फिल्मेकर को खूब भला बुरा कहा और उनसे कहा कि अगर श्रीदेवी को कुछ हो जाता है तो वह वापस देश लौट कर ना आए। जिसके बाद अमिताभ बच्चन ने अपनी मां और श्रीदेवी की मां को समझाया और उन्हें इस बात का आश्वासन दिया कि किसी को भी कुछ नहीं होगा। वही मनुष्य देसाई ने आगे बताया कि अमिताभ बच्चन का स्टारडम वहां के तालिबान लीडर मैं भी भरपूर देखने को मिला। उस समय के तालिबानी लीडर ने शूटिंग के दौरान हेलीकॉप्टर से आकर अमिताभ बच्चन को गुलाब दिया था।