उनकी गिनती हिंदी सिनेमा के दूसरे सबसे रईस अभिनेता के रूप में होती है। हालांकि एक समय ऐसा भी आया था जब उनके पास पैसों की कमी आ गई थी। हैरानी की बात है कि सुपरस्टार बनने के बाद, करियर में बहुत कुछ हासिल करने के बाद उन्हें बुरे दिन देखने पड़े थे।
2000 के दशक में अमिताभ बच्चन के करियर की नई शुरुआत हुई थी. अमिताभ बच्चन और अपने परिवार के बुरे समय के बारे में एक इंटरव्यू में अभिषेक बच्चन ने बताया कि उस वक्त उनके पिता के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि परिवार को खाना खिला सके। लिहाजा उन्होने स्टाफ तक के पैसे मांगे और परिवार का पेट भरा। उस वक्त अभिषेक बॉस्टन में एक्टिंग के गुर सीख रहे थे। लेकिन जब उन्हें परिवार की ऐसी स्थिति के बारे में पता चला तो उन्होंने कोर्स बीच में ही छोड़ने का फैसला ले लिया था। उस वक्त अभिषेक को लगा कि इस वक्त उनके पिता को उनकी ज्यादा जरूरत है। भले ही वो कुछ कर ना सके लेकिन पिता को सपोर्ट देने के लिए वो बॉस्टन से भारत लौट आए।
आगे अभिषेक ने कहा कि, ‘एक समय तो ऐसा भी आ गया था कि मेरे पिता ने खाने के लिए स्टाफ से पैसे उधार लिए थे। मैं उनके साथ इस मुश्किल समय में हर कीमत पर रहना चाहता था।’ अभिषेक के मुताबिक़ मैंने पिता को फोन कर कॉलेज वापस छोड़कर आने के लिए कहा था। मैंने पापा से कहा मैं एक्टर बनना चाहता हूँ और वें राजी हो गए। मैं कॉलेज छोड़कर आ गया. अभिषेक ने यह भी कहा कि पिता अमिताभ ने उन्हें भाषा पर ज़ोर देने की सलाह दी थी। बता दें कि अमिताभ बच्चन ने 90 के दशक में ABCL की शुरुआत की थी लेकिन यह कम्पनी डूब गई थी. अमिताभ भी कर्ज में आ गए और उनकी आर्थिक स्थित बिगड़ गई। बाद में फिल्म ‘मोहब्बतें’ और कौन बनेगा करोड़पति से उनकी गाड़ी पटरी पर आई।
अमिताभ बच्चन के वर्क फ्रंट की बात करें तो अभिनेता कई बड़ी फिल्मों में नजर आने वाले हैं। उनकी अपकमिंग फिल्मों में ‘ब्रह्मास्त्र’ ‘झुंड’ ‘रन वे’ ‘द इंटर्न’ और ‘गुड ब्वॉय’ शामिल है। हालांकि, कोरोना की वजह से वह शूटिंग नहीं कर रहे हैं।