दरअसल राजा रतन सिंह के दरबार में राघव चेतन नाम का संगीतिज्ञ था। एक दिन राजा रतन सिंह को अपने इस संगीतिज्ञ के काला जादू करने की सच्चाई पता चली तो उन्होंने राघव को गधे पर बैठाकर पूरे राज्य में घुमाने की सजा दे दी। इस बेइज्जती से राघव आग बबूला हो गया था। उसने रतन सिंह से बदला लेने की ठानी। राघव ने अपने गलत मंसूबों को कामयाब करने के राजा रतन सिंह की पत्नी रानी पद्मावती के सौन्दर्य के बारे में दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी को बता दिया। पद्मावती की सुंदरता का गुणगान सुन खिलजी ने उन्हें हासिल करने की ठान ली और वहीं से शुरु हो गया खिलजी और राजा रतन सिंह के बीच की लड़ाई। जिसके बाद राजा रतन सिंह और रानी पद्मावती दोनों को ही अपनी जान की कुर्बानी देनी पड़ी। हलांकि इसका वर्णन इतिहासकारों की किताबों में साफ तौर पर नही मिलता है।
इसी कहानी पर संजय लीला भंसाली ने पद्मावत फिल्म का निर्माण किया है। गौरतलब है कि फिल्म को लेकर कुछ राजपूत गुटों जैसे ‘करणी सेना’ ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि फिल्म की कहानी रानी ‘पद्मावती’ पर फिल्माई गई है। फिल्म में कुछ अंतरंग सीन्स पद्मावती का खिलजी के साथ भी फिल्माया गया है जो इतिहास के साथ एक खिलवाड़ है। इसके बाद विवाद बढ़ता गया,कुछ राज्यों में तो फिल्म बैन भी कर दी गई। पहले फिल्म को 1 दिसंबर को रिलीज होना था। लेकिन विवाद को बढ़ता देख फिल्म के निर्माताओं ने फिल्म की रिलीजिंग डेट को आगे खिसकाना ही सही समझा।फिल्म में दीपिका पादुकोण से लेकर शाहिद कपूर और रणवीर सिंह मुख्य किरदार में हैं।