नेपोटिज्म के मुद्दे पर निर्देशक आर बाल्कि(Balki interview) ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, “सवाल ये उठता है कि क्या स्टार किड्स(Star Kids of Bollywood.) को बड़ा और भेदभाव भरा एडवांटेज है? हां, वहां फायदे और नुकसान दोनों हैं। लेकिन मैं एक सिंपल सा सवाल पूछता हूं। मुझे रणबीर कपूर(Alia Bhatt and Ranbir Kapoor) और आलिया भट्ट से बेहतर एक कलाकार ढूंढ कर दिखाइए, और फिर हम बहस करेंगे।”
बाल्कि ने आगे कहा कि,”ये उन गिने-चुने स्टार्स के साथ अन्याय है, जो शायद सबसे बेहतरीन कलाकार हैं।” आर बाल्की के इन बातों पर एडिटर और राइटर अपूर्व(Apurva Asrani Tweet ) ने ट्विटर पर जवाब देते हुए लिखा कि, “मनोज बाजपेयी, राजकुमार राव, विक्की कौशल, आयुष्मान खुराना, कंगना रनौत, प्रिंयका चोपड़ा, तापसी पन्नू, विद्या बालन, ऋचा चड्ढा ये तो कुछ ही नाम हैं, अगर हम फिल्म फैमिलीज के आगे बढ़कर देखें तो ऐसे बहुत से नाम मिल जाएंगे।”
टैलेंटेड कलाकारों को मौका नहीं मिलता है
अपूर्व (Apurva Asrani Tweet )यहीं नहीं रुके वे आगे लिखते हैं, -“बॉलीवुड में टैलेंटेड कलाकारों को ऐसे इस्तेमाल किया जाता है जैसे खाने के ऊपर गार्निशिंग की जाती है, ताकि स्टार किड्स में से औसत दर्जे के कलाकारों को बेहतर दिखाया जा सके, पर कोशिश होती है कि वो कभी खुद उन औसत दर्जे के कलाकारों से बढ़कर न दिख पाएं।”
आर बाल्की के सवाल पर अपूर्व असरानी (Apurva Asrani Tweet )के बाद शेखर कपूर (Shekhar Kapur) ने भी पलटवार करते हुए ट्वीट पर कहा- ‘आपका बहुत सम्मान करता हूं बाल्की, लेकिन एक बार फिर कल रात मैंने ‘काय पो छे’ देखी। उस समय तीन बिल्कुल युवा कलाकार थे और हर किसी ने शानदार अभिनय किया।’