इस वास्तविकता के बारे में बात करते हुए आदित्य ने बताया, हमें एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिलती है। ऐसा लगता है कि वे हमें किसी गीत को गाने के लिए बुलाकर हम पर एहसान कर रहे हैं। मुझे मुफ्त में किसी चीज को करने में दिक्कत है। अब तो बात यह है कि गाना गाने से आपको एक्सपोजर मिलेगा। क्या करूंगा मैं एक्सपोजर के साथ? अगर मेरे पास घर चलाने और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे ही न हो, तो मैं एक्सपोजर का क्या करूंगा? इसलिए कृपया शोषण करना बंद करें।
उन्होंने इसकी वजह भी बताई। प्रख्यात पाश्र्वगायक उदित नारायण के बेटे ने कहा, गायकों को इसलिए भुगतान नहीं किया जाता है क्योंकि बीस गायकों से एक गाना गवाया जाता है और इसके बाद एक कंपनी, एक निर्माता और एक एक्टर निश्चय करता है कि इसका वर्जन रखते हैं। मैंने ऐसा किसी और पेशे में होते नहीं देखा है। आप किसी एक दृश्य को फिल्माने के लिए बीस कलाकारों को नहीं बुलाते हैं और इसके बाद उनके द्वारा फिल्माए गए किसी एक के दृश्य को चुनते हैं।
आदित्य आगे कहते हैं, तो गायकों के साथ ऐसा बर्ताव क्यों? सिर्फ इसलिए क्योंकि हमारी बेचारी और लाचारी है? हमारी अपनी मजबूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे कुछ भी करेंगे। कम से कम हमें एक गाने के 1000 रुपए ही दे दें? कुल मिलाकर यहां कई सारी दिक्कतें हैं, उम्मीद करता हूं कि हम इसका हल निकाल लेंगे, यही वजह है कि मैं अपनी पीढ़ी व आने वाली पीढ़ी को अपना खुद का म्यूजिक बनाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।