वहीं इन्हीं के बीच महाभारत का एक ऐसा किरदार भी चर्चा में आया है जिनके आज के हालात को सुन आप भी हो जाएंगे हैरान।
एक्टर सतीश कौल ( Satish Kaul )यह वो सितारा रहा है जो कभी बॉलीवुड में अपना अभिनय से चमकता रहा है। जिसने एक नही बल्कि 300 से ज्यादा पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम किया है। साथ ही छोटे पर्दे पर आने वाले कई सीरियल में भी वो काम कर चुके हैं, और अपने शानदार अभिनय से लोगों का दिल भी जीता है। सतीश कौल ने ‘महाभारत’ में देवराज इंद्र की भूमिका निभाई थी। उस दौर पर यह एक्टर करोड़ों में खेलता था, निर्माता निर्देशक तक इस एक्टर को अपने साथ काम करने की इच्छा जताते थे, लेकिन आज ये एक्टर (Actor Satish Kaul financial crisis)पाई-पाई के लिए मोहताज हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक सतीश कौल(Satish Kaul) इन दिनों लुधियाना के विवेकानंद वृद्धाश्रम में अपना बुढापा काट रहे हैं। इस एक्टर के हालात इतने खराब हो गए हैं कि ना तो उनके पास खाने को पैसा है और ना ही अपनी दवाई कराने के लिए। कुछ समय पहले सतीश कौल की सेहत खराब होने के चलते उन्हें लुधियाना के एक अस्पताल भर्ती कराया गया जहां पर उनके पास इलाज कराने तक के पैसे नहीं थे।
फिल्मों से लेकर टीवी पर आने वाले बड़े सीरियल महाभारत में काम कर चुके वरिष्ठ एक्टर सतीश कौल (‘Amitabh Bachchan of Punjabi Cinema’) इन दिनों काफी बद्दतर हालातों से जूझ रहे हैं। और सबसे बड़ी मार उन्हें लॉकडाउन के चलते हो चुकी हैं। 300 से ज्यादा पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम कर चुके कौल ने महाभारत में भगवान इंद्र का रोल निभाया था।
हाल ही में दिए एक इंटरव्यू को दौरान उन्होंने बताया है कि अब 73 साल की उम्र के इस पड़ाव में आने के बाद ‘मुझे खाने-पीने से लेकर दवाओं, और बेसिक चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। मैं इंडस्ट्री के लोगों से अपील करता हूं कि मेरी मदद करें. मुझे एक एक्टर के तौर पर इतना प्यार मिला है. अब एक इंसान के तौर पर मुझे मदद की जरूरत है।
जानकारी के लिए बता दें कि कौल ने अजय देवगन और काजोल स्टारर फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ और गोविंदा स्टारर फिल्म ‘आंटी नं. 1’ में भी काम किया है। वे साल 2011 में मुंबई छोड़कर पंजाब चले गए थे और उन्होंने वहां एक्टिंग स्कूल खोल लिया था। लेकिन उनका यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पाने के कारण पूरा पैसा डूब गया। इसके बाद साल 2015 उनकी हिप बोन फ्रेक्चर हो गई थी। और इस चोट की वजह से ढाई सालों तक बिस्तर पर रहे। जिससे उन्हें बचा-खुचा काम भी मिलना बंद हो गया। इसके बाद ही उन्होंने ओल्ड एज होम में शरण ली और दो साल वहां बिताए।