बॉलीवुड

20 साल की उम्र में ही पर्दे पर अपने से बड़े सितारों की मां बनी थीं अभिनेत्री, 250 से ज्यादा फिल्मों में किया काम

अचला सचदेव अपने ज़माने की एक जानी मानी एक्ट्रेस थी. 3 मई 1920 को पेशावर, पाकिस्तान में जन्मी अचला को 1965 की हिट फिल्म ‘वक्त’ में बलराज साहनी की पत्नी की भूमिका निभाने के लिए याद किया जाता है।

May 03, 2022 / 04:21 pm

Sneha Patsariya

हिंदी फिल्म सिनेमा की मशहूर अदाकार अचला सचदेव इंडस्ट्री में किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। साल 1965 में आई फिल्म ‘वक्त’ में बलराज साहनी की पत्नी की भूमिका निभाने वाली अचला ने हिंदी में सिनेमा अपने मां के किरदार से काफी शोहरत हासिल की। अभिनेत्री के मशहूर गाने ‘ऐ मेरी जोहराजबीं’ को सुन आज भी लोग झूम उठते हैं। बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्मों में मां और दादी का किरदार निभाकर अपनी पहचान बनाने वाली अचला सचदेव का आज जन्मदिवस है। उनका जन्म 3 मई 1920 को पेशावर पाकिस्तान में हुआ था। यश चोपड़ा की फिल्म ‘दाग’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली अचला सचदेव की आखिरी फिल्म ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ थी। इस फिल्म में उन्होंने काजोल की दादी का किरदार निभाया था। 30 अप्रैल 2012 को अकेलेपन से जूझते हुए उनकी निधन हो गया था।
अचला सचदेव ने अपने अभिनय करियर में करीब 250 से भी ज्यादा फिल्मो में काम किया था और इन्होने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी पर इन्हें इनके करियर में सबसे बड़ी सफलता साल 1965 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘वक्त’ से मिली थी जो की इनके करियर की सबसे बड़ी सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी और इस फिल्म में अचला ने बलराज साहनी की पत्नी का किरदार निभाया था और फिल्म में अचला के अभिनय को बेहद पसंद किया गया और इसके बाद अचला ने ज्यादातर फिल्मो में माँ का ही किरदार निभाया और खूब पॉपुलैरिटी हांसिल की थी |
अपने जमाने में अभिनेत्री ने ‘चांदनी’, ‘प्रेम पुजारी’, ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘हरे राम हरे कृष्ण’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया। लेकिन अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाली अचला सचदेव का आखिरी समय बेहद बुरा और दर्दनाक था। शादी के बाद पुणे शिफ्ट हो गईं एक्ट्रेस का अंत समय में ध्यान रखने वाला भी कोई नहीं था। साल 2002 में पति की मौत के बाद से ही वह अकेली रहती थीं। उनका एक बेटा है, जो अमेरिका से कभी- कभी उनसे मिलने आता था। पति की मौत के बाद वह 12 साल तक एक 2 बीएचके फ्लैट में अकेली रहती थीं। उनके साथ रात में सिर्फ एक अटेंडेंट रहती थी। एक रात पानी लेने किचन में गईं अचला गिर पड़ीं, जिससे उनका पैर टूट गया। इसके बाद उन्हें पुणे के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया था। इस दौरान इंडस्ट्री से जुड़ा एक भी शख्स उनसे मिलने नहीं पहुंचा।
आर्थिक तंगी, देखभाल और अच्छे इलाज की कमी के चलते वह तीन महीने तक अस्पताल में ही रहीं। करोड़ों की मालकिन रहीं एक्ट्रेस अपने आखिरी समय-समय में पाई-पाई की मोहताज हो गई थी। उस दौरान उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह ठीक से अपना इलाज करवा सकें। आखिरकार 30 अप्रैल, 2012 में हिंदी सिनेमा की इस मशहूर मां से दुनिया को अलविदा कह दिया।
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