इस मूवी को बनाना फेरी टेल की तरह
जब उनसे पूछा गया कि इस फिल्म का नाम 99 सॉन्ग्स क्यों रखा? इसके जवाब में उन्होंने कहा,इसे बनाना फेरी टेल की तरह था। मुझे कहा गया था कि फिल्म का नाम 100 सॉन्ग्स होगा, मैंने सोचा 100 सॉन्ग्स कुछ ज्यादा हो रहा है, इसलिए फिल्म का नाम 99 सॉन्ग्स फाइनल किया गया। अब आप यह फिल्म में देखेंगे कि बचे हुए एक गाने का क्या होता है। इस फिल्म में जो भी काम किया गया है वह फिजिकल से ज्यादा स्प्रिचुअल, मेंटल और साइकलॉजिकल है। मैं चाहता था कि फिल्म में जो दर्द दिखाया जा रहा है, वह एक सामान्य व्यक्ति भी महसूस कर सके।
पहली बार डॉल्बी एटमॉस का प्रयोग
रहमान ने बताया कि उनकी फिल्म म्यूजिकल है, इसलिए इसके साउंड पर हमने खूब काम किया है। डॉल्बी एटमॉस का संगीत श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देगा और उन्हें गीत के भीतर ले जाएगा। भारत में पहली बार डॉल्बी एटमॉस में इस तरह के संगीत की पेशकश जा रही है। इस तकनीक से लोग वास्तव में वाद्य यंत्रों और स्वरों को बिल्कुल अलग-अलग अनुभव कर सकते हैं और अविश्वसनीय स्पष्टता के साथ संगीत का अनुभव ले सकते हैं। इसकी खासियत यह है कि डॉल्बी एटमॉस का यह अनुभव आप अपने स्मार्ट फोन पर भी महसूस कर सकते हैं।
फिल्म के निर्देशक विश्वेश कृष्णामूर्ति लीड स्टारकास्ट का चुनाव पाकिस्तान से करना चाहते थे। उन्होंने 3 कलाकारों का चुनाव भी वहां से कर लिया था। इस पर रहमान ने उन्हें भारत-पाकिस्तान के बीच तल्ख रिश्तों का हवाला देते हुए सावधान किया। उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तानी कलाकार कास्ट न करें, वरना मुश्किल में फंस जाएंगे। रिलीज के वक्त हांगामा हो सकता है।
कहानी का आइडिया फ्लाइट में आया था
एआर रहमान ने बताया, फिल्म ’99 सॉन्ग्स’ पूरे देश और विश्व के लिए बनाई गई है। यह एक आर्ट फिल्म न होकर एक कमर्शियल फिल्म है। इस फिल्म की कहानी भी उन्होंने खुद ही लिखी है। इस बारे में उन्होंने बताया कि इस फिल्म की कहानी का आइडिया उन्हें लॉस एंजिल्स जाते हुए फ्लाइट में आया था।
इसलिए बनाई हिंदी में
बतौर निर्माता पहली फिल्म तमिल भाषा की जगह हिंदी में बनाने के फैसले पर उन्होंने कहा,’मेरे लिए तमिल में फिल्म बनाना बेहद आसान होता लेकिन इस फिल्म की कहानी का ताल्लुक पूरे भारत से है। इस वजह से इसे हिंदी में बनाया। हालांकि इस मूवी को तमिल और तेलुगु में डब किया गया है लेकिन यह किसी डब फिल्म की तरह नहीं लग रही है। जब आप तमिल में फिल्म बनाते हैं और उसे हिंदी में डब करते हैं तो पता चल जाता है कि फिल्म को किसी साउथ इंडियन भाषा से हिंदी में डब किया गया है।