ये अपनाएं
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार स्नान से पहले शरीर पर मालिश करने से त्वचा के रोमछिद्र सक्रिय होते हैं। लेकिन मालिश के तुरंत बाद भी नहीं नहाना चाहिए। कम से कम 10-15 मिनट का गैप देना चाहिए। ऐसे में रोग और मौसम के अनुसार सरसों, नारियल, जैतून व बादाम के तेलों को प्रयोग में लिया जाता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार स्नान से पहले शरीर पर मालिश करने से त्वचा के रोमछिद्र सक्रिय होते हैं। लेकिन मालिश के तुरंत बाद भी नहीं नहाना चाहिए। कम से कम 10-15 मिनट का गैप देना चाहिए। ऐसे में रोग और मौसम के अनुसार सरसों, नारियल, जैतून व बादाम के तेलों को प्रयोग में लिया जाता है।
सरसों और नारियल के तेल की मालिश
सर्दी के दिनों में सरसों और नारियल के तेल से रोजाना मालिश करने से रक्तसंचार बेहतर होता है। साथ ही हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। सुबह 8-11 बजे के बीच करें मालिश
सुबह के समय 8-11 बजे के बीच की धूप में बैठकर मालिश करने से काफी फायदा होता है। इस दौरान धूप की किरणों से विटामिन-डी मिलता है और मालिश से शरीर इस विटामिन को बेहतर तरीके से अवशोषित कर पाता है।
सर्दी के दिनों में सरसों और नारियल के तेल से रोजाना मालिश करने से रक्तसंचार बेहतर होता है। साथ ही हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। सुबह 8-11 बजे के बीच करें मालिश
सुबह के समय 8-11 बजे के बीच की धूप में बैठकर मालिश करने से काफी फायदा होता है। इस दौरान धूप की किरणों से विटामिन-डी मिलता है और मालिश से शरीर इस विटामिन को बेहतर तरीके से अवशोषित कर पाता है।
शिरोभ्यंग से दूर हाेता है तनाव
शिरोभ्यंग से तनाव दूर होता है। साथ ही सिर, कंधे व गर्दन के दर्द में राहत मिलने के साथ नींद अच्छी आती है।पदाभ्यंग करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और पैरों को मजबूती मिलती है।
शिरोभ्यंग से तनाव दूर होता है। साथ ही सिर, कंधे व गर्दन के दर्द में राहत मिलने के साथ नींद अच्छी आती है।पदाभ्यंग करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और पैरों को मजबूती मिलती है।