सुकून के लिए चलें –
घास पर पड़ी ओस की बूंदें और ठंडी रेत पैरों के जरिए सीधे मन को ठंडक देती हैं। नंगे पैर चलने से घुटनों और कूल्हे की हड्डियां मजबूत होती हैं।
रोग दूर होते हैं –
शरीर के ज्यादातर रिफ्लेक्स पॉइंट्स तलवों में होते हैं। नंगे पांव चलने पर ये सक्रिय हो जाते हैं जिनसे बीमारियां दूर होती हैं।
बालों के लिए फायदेमंद –
सिर में लंबे समय तक खून जमा रहने सेे बाल सफेद या झड़ने लगते हैं। जब हम नंगे पांव चलते हैं तो रक्त सिर से पैरों की ओर आने लगता है जिससे बालों से जुड़ी दिक्कतों में लाभ होता है।
रक्त प्रवाह होता है बेहतर –
नंगे पैर चलने से पंजों और पैरों में रक्त प्रवाह अच्छा होता है। जितना ज्यादा बेहतर रक्त प्रवाह होगा, उतना दर्द कम होगा व बीमारियां दूर रहेंगी।
एनर्जी लेवल बढ़ता है –
इससे बॉडी में एनर्जी लेवल बढ़ता है इसलिए योगा, व्यायाम, कराटे, मार्शल आर्ट आदि की ट्रेनिंग नंगे पैर ही दी जाती है क्योंकि इससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहता है।
विकल्प भी उपयोगी –
बारिश या गंदगी की वजह से नंगे पैर वॉक नहीं कर पा रहे हैं तो एक्यूप्रेशर प्लेट पर 5मिनट कदमताल करें।
कोवल स्टोन –
नेचुरोपैथी विशेषज्ञ के अनुसार कोवल स्टोन (चिकने गोल पत्थर) पर 10-15 मिनट तक वॉक करने से माइग्रेन में आराम मिलता है।
ध्यान रहे –
इस वॉक को 10-30 मिनट तक किया जा सकता है। ज्यादा समय तक करने से वैसे कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन बेयरफुट वॉक करने के बाद कम से कम 15 मिनट तक नहाना नहीं चाहिए।