योग एक मुद्रा या स्थिति में रहकर नहीं किया जाता। हर आसन के हिसाब से हमे अपनी स्थिति बदलनी होती है। कई ऐसे योग आसन हैं जो मांसपेशियों को बनाने और इन्हें टोन करने में मदद करते हैं। योग हमारे शरीर को संतुलित और डिटॉक्स करने में मदद करता है।
वृक्षासन या ट्री पोज़ योग के बेसिक पोज़ में से एक है। योग विशेषज्ञ ओमप्रकाश शर्मा के अनुसार, इसको करने से शरीर को बैलेंस करने मदद मिलती है। साथ ही एक्रागता पाने के लिए यह काफी फायदेमंद है। इस आसन में अधिक ट्विस्ट और टर्न शामिल नहीं हैं और यह योग का सबसे आसान और सबसे प्रचलित रूप है। वृक्षासन में आप एक पेड़ की मुद्रा में होते हैं और उसमें संतुलन बनाना होता है।
वृक्षासन शरीर को बैलेंसिंग करने वाला पोज है। यह शारीरिक और भावनात्मक दोनों संतुलन को बेहतर बनाने में सहायक है।
वृक्षासन पैरों, टखनों, पिंडलियों, काव्स, घुटनों और जांघों की मांसपेशियों को बिल्ड करने में मदद करता है।
यह मुद्रा आपको रेजुवेनेशन की स्थिति में लाती है। यह पैर, पीठ और हाथों को स्ट्रेच करके आपके शरीर को फिट रखता है।
यह शरीर के अंदर संतुलन की भावना पैदा करता है। यह ध्यान केंद्रित करने और एकाग्रता का निर्माण करने में भी मदद करता है, इससे हमारा दिमाग तेज होता है।
साथ ही यह पैरों को मजबूत बनाता है व एंड्योरेंस (धीरज) को बेहतर करता है और यह पैरों की फ्लैक्सिबिलिटी को भी ठीक करता है।
बता दें कि वृक्षासन में लंबे समय तक सही ढंग से खड़े रहने की जरूरत होती है। इसमें आपकी रीढ़ सीधी, आपके पैर मजबूत, और आपका ऊपरी शरीर सीधा होता है। इससे आपको शरीर के पोश्चर को बेहतर करने में मदद मिलेगी।
यह आसन सायटिका के कुछ मामलों में राहत देने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
यह सबसे अच्छी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी है। यह थाई एरिया, कमर और सीने को स्ट्रेच करने में मदद करता है।
वृक्षासन करने का तरीका
जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को अपने शरीर के दोनों ओर रखें। अपने दाहिने (right) घुटने को मोड़ें और दाएं पैर को अपनी बाईं (left) जांघ पर रखें। यह ध्यान रहे कि आपके पैर का तलवा आपकी ईनर थाई पर सीधा रखा हो। इस दौरान आपका बायां पैर सीधा होना चाहिए ताकि आप शरीर का संतुलन बनाए रख पाएं। जब आप इस मुद्रा में होंगे तो गहरी सांस लेते रहें। अब अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं, और अपनी हथेलियों को एक साथ मिलाकर ‘नमस्ते’ मुद्रा में लाएं। जब आप आसन में हों, तो आपके सामने थोड़ी दूरी पर किसी भी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करें। इस दौरान आपका पूरा शरीर एक स्ट्रेच होना चाहिए और रीढ़ को सीधा रखना चाहिए। इस मुद्रा में 30 सेकेंड तक रहें। सांस छोड़ते हुए आसन से सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं। अब इस आसन को दूसरे पैर के साथ भी करें।
अभ्यास के दौरान बरतें सावधानियां
सामान्य तौर पर वृक्षासन का अभ्यास हर तरह से सुरक्षित है और इसका अभ्यास हर कोई कर सकता है। लेकिन अगर आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है तो मॉडरेशन में ही वृक्षासन का अभ्यास करें और अभ्यास के दौरान अपने हाथों को छाती के पास ही रखें, इन्हें सिर के ऊपर ना उठाएं। यदि आपको वर्टिगो या माइग्रेन की समस्या है, तो भी इस आसन को करने से बचें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।