जर्मनी की यूनिवर्सिटी डुएस्सेलडॉर्फ के एना रॉड्रीगुएज मेटियोज के मुताबिक, करौंदे का रस फाइटोन्यूट्रिऎंट्स का भरपूर स्त्रोत होता है। शोधकर्ताओं ने 18-40 वर्ष की उम्र के दस स्वस्थ पुरूषों को लगभग दो कप मीठा करौंदे का रस दिया। करौंदे को पीसकर उसमेंथोड़ा पानी मिलाकर गाढ़ा घोल तैयार किया गया। गाढ़े घोल में पॉलीफिनोल्स की मात्रा बढ़ी हुई पाई गई।
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करौंदे का रस पीने के बाद पुरूषों की रक्त वाहिनियों में बेहतर कार्यक्षमता और बेहतर रक्त संचार पाया गया।हालांकि शोधकर्ताओं ने पाया कि रक्त वाहिनियों में सुधार मात्रा पर आधारित था। पॉलिफिनोल से भरपूर सर्वाधिक गाढ़े रस से प्रकुंचक रक्तचाप में भी सुधार देखा गया।
मेटियोज के मुताबिक, हमारा शोध संवहनी और दिल की सेहत के लिए करौंदे के पॉलिफिनोल्स से मिलने वाले लाभ को समझने के लिए आधार प्रदान करेगा। दो कप करौंदे का रस पीने पर दिल से जुड़ी संवहिनी में रक्त प्रवाह की गति में सुधार देखा गया।