हो सकता है संक्रमण
यूरीन शरीर की सामान्य प्रक्रिया है, जिसे महसूस होने पर एक से दो मिनट के अंदर निकाल देना चाहिए। ब्लैडर के भरने पर नर्वस सिस्टम स्वत: मस्तिष्क को मूत्र त्यार करनेके संकेत दे देता है। पसीने की तरह यूरीन के माध्यम से भी शरीर के गैर जरूरी तत्व बाहर निकलते हैं। यदि वह थोड़े समय भी अधिक शरीर में रहते हैं तो संक्रमण शुरू हो जाता है।
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यूरीन रोकना है खतरानाक
कुछ लोग यूरीन को मिनटों रोककर रखते हैं। आप यूरीन कितनी देर तक रोक कर रखते हैं यह यूरीन की उत्पादन मात्रा पर निर्भर करता है। इसके अलावा यह हाइड्रेशन की स्थिति, तरल पदार्थ और ब्लैडर की कार्यक्षमता पर भी निर्भर करता है। लेकिन यूरीन को अक्सर रोककर रखने वाले लोग इसे पता लगाने की अपनी क्षमता को खो देते हैं। जितना लंबे समय तक आप यूरीन को रोककर रखेगें, आपका ब्लैडर बैक्टीरियों को अधिक विकसित करेगा, जिससे कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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इस कारण से होता है
स्टोनयूरीन को एक से दो घंटे रोकने के कारण महिलाओं व कामकाजी युवाओं में यूरीन संबंधी दिक्कतें आती है। जिसमें शुरूआत ब्लेडर में दर्द होता है। साथ ही 8 से 10 घंटे बैठ कर काम करने वाले युवाओं को यूरीन त्यागने की जरूरत ही तब महसूस होती हैं, जबकि वह कार्य करने की स्थिति बदलते हैं। जबकि इस दौरान किडनी से यूरिनरी ब्लेडर में पेशाब इकट्ठा होता रहता है। हर एक मिनट में दो एमएल यूरीन ब्लेडर में पहुंचता है, जिसे प्रति एक से दो घंटे के बीच खाली कर देना चाहिए। ब्लेडर खाली करने में तीन से चार मिनट की देरी में पेशाब दोबारा किडनी में वापस जाने लगता है, इस स्थिति के बार-बार होने से पथरी की शुरूआत हो जाती है। क्योंकि यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन पेशाब में यूरिया और अमिनो एसिड जैसे टॉक्सिक तत्व होते हैं।