विशेषज्ञों के अनुसार जैसे नशीली दवाओं के अभ्यस्त खुद को उनके सेवन से नहीं रोक पाते, वैसे ही खाने के लालची भी खुद को कंट्रोल नहीं कर पाते। पसंदीदा भोजन मिलते ही उनके दिमाग में डोपामाइन जैसे फील गुड कैमिकल का रिलीज होने लगता है। इससे उन्हें बार-बार वही चीज खाने की इच्छा होती है। जरूरी नहीं कि सिर्फ मोटे लोगों में ही यह आदत हो, सामान्य लोगों में भी यह समस्या हो सकती है।
लत में सुधार:
सबसे पहले खुद को इस बात के लिए मनाएं कि भूख लगने पर ही खाएंगे वर्ना नहीं। भोजन की मात्रा सीमित कर लें। पसंदीदा चीज के लिए भी खुद को ना कहना सीखें।
सबसे पहले खुद को इस बात के लिए मनाएं कि भूख लगने पर ही खाएंगे वर्ना नहीं। भोजन की मात्रा सीमित कर लें। पसंदीदा चीज के लिए भी खुद को ना कहना सीखें।