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Russia -Ukraine War : रूस ने ललकारा- यूक्रेन की मदद करने वाले देश बाज आएं, वरना परमाणु शक्तियां भी युद्ध के लिए तैयार रहें

Russia-Ukraine War News In Hindi: रूस और यूक्रेन के बीच जंग ( Russia-Ukraine War) के चलते रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) को पश्चिम के साथ सीधे टकराव होने की चेतावनी दी है। साथ ही बताया कि अब हालात ऐसे हो चुके हैं कि परमाणु शक्तियों (Nuclear Powers) के बीच सीधे संघर्ष का खतरा है। रूस का कहना है कि वह चाहता है कि बाहरी अंतरिक्ष हथियारों से मुक्त हो । रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार रणनीतिक और परमाणु खतरे बढ़ रहे हैं। अमरीका (America) के साथ हथियार नियंत्रण पर बातचीत का कोई आधार नजर नहीं आ रहा है।

नई दिल्लीApr 22, 2024 / 06:57 pm

M I Zahir

Russia-Ukraine War

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Russia-Ukraine War News In Hindi: रूस और यूक्रेन के बीच जंग ( Russia-Ukraine War )के चलते रूस ( Russia) ने कहा कि यूक्रेन ( Ukraine) के लिए अमरीकी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी सैन्य समर्थन ( American, British and French military Support) ने दुनिया को, दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों के बीच सीधे टकराव के कगार पर धकेल दिया है, जो तबाही में समाप्त हो सकता है। इधर रूसी और अमरीकी राजनयिकों के अनुसार, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( President Vladimir Putin) के यूक्रेन पर 2022 के आक्रमण ने 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट ( Cuban Missile Crisis) के बाद से रूस ( Russia) और पश्चिम( West) के बीच संबंधों में सबसे खराब गिरावट को छू लिया है।

सीधे सैन्य टकराव के कगार पर

Russia-Ukraine War Update News In Hindi : अमरीकी सांसदों (American MP’s) के यूक्रेन को अरबों डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता देने मंजूरी देने के ठीक दो दिन बाद, विदेश मंत्री (Foreign Minister) सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) ने कहा कि संयुक्त राज्य अमरीका ( USA) और नाटो ( NATO) रूस को “रणनीतिक हार देने के विचार से ग्रस्त थे। लावरोव ने कहा कि यूक्रेन के लिए पश्चिमी समर्थन संयुक्त राज्य अमरीका और उसके सहयोगियों को रूस के साथ सीधे सैन्य टकराव के कगार पर खड़ा कर दिया है।

परमाणु खतरे के स्तर में वृद्धि

Russia warns of direct clash with West over Ukraine News In Hindi :लावरोव ने अप्रसार पर मास्को सम्मेलन (Moscow Conference on Nonproliferation) में कहा, “पश्चिमी लोग परमाणु शक्तियों के बीच सीधे सैन्य टकराव (Direct Military Confrontation between Nuclear Powers) के कगार पर खतरनाक तरीके से लड़खड़ा रहे हैं, जो विनाशकारी परिणामों से भरा हुआ है, विशेष चिंता का विषय है । तथ्य यह है कि यह पश्चिमी परमाणु राज्यों की ‘ट्रोइका”( Troika’ of Western Nuclear State) है जो आपराधिक कीव शासन (Criminal Kyiv Regime) के प्रमुख प्रायोजकों में से हैं, विभिन्न उत्तेजक कदमों के मुख्य आरंभकर्ता हैं, जिससे परमाणु खतरे के स्तर में वृद्धि हो सकती है और हम इसमें गंभीर रणनीतिक जोखिम देखते हैं।

परमाणु खतरों की चेतावनी

Russia warns of direct clash with West over Ukraine News In Hindi : रूस ने युद्ध शुरू होने के बाद से, बार-बार बढ़ते परमाणु खतरों की चेतावनी दी है और इन चेतावनियों को संयुक्त राज्य अमरीका (United States of America) को गंभीरता से गंभीरता से लेना होगा, हालांकि अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने रूसी परमाणु रुख में कोई बदलाव नहीं देखा है।

अतिक्रमण कर रूस को अपमानित किया

पुतिन (Putin) इस युद्ध को पतनशील पश्चिम (West) के साथ सदियों पुरानी लड़ाई का हिस्सा मानते हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि सन 1989 में बर्लिन की दीवार ( The Berlin Wall ) गिरने के बाद नाटो का विस्तार कर के और मॉस्को (Moscow), जिसे रूस (Russia) का ऐतिहासिक प्रभाव क्षेत्र मानता है, उस पर अतिक्रमण कर के रूस को अपमानित किया गया।

शीतयुद्ध की हथियारों की दौड़

रूसी( Russian) विदेश मंत्री (Foreign Minister) सर्गेई लावरोव ( Sergei Lavrov ) 6 मार्च, 2024 को मॉस्को, रूस में अपने नाइजीरियाई विदेश मंत्री ( Nigerian Foreign Minister) यूसुफ तुग्गर (Yusuf Tuggar ) के साथ बातचीत के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी ,उसके अनुसार जैसे-जैसे संबंध ख़राब हुए हैं, रूस और संयुक्त राज्य अमरीका दोनों ने हथियार-नियंत्रण संधियों के जाल के विघटन पर खेद व्यक्त किया है, जिसका उद्देश्य शीतयुद्ध की हथियारों की दौड़ (Cold war Arms Race) को धीमा करना और परमाणु युद्ध (Nuclear War) का जोखिम कम करना था।

रूस और अमरीका सबसे बड़ी परमाणु शक्तियाँ


रूस और संयुक्त राज्य अमरीका अब तक दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्तियाँ (Russia and America are the largest Nuclear Power) हैं, जिनके पास दुनिया के 12,100 परमाणु हथियारों में से 10,600 से अधिक हैं। चीन के पास तीसरा सबसे बड़ा परमाणु शस्त्रागार ( China has Nuclear Arsenal) है, उसके बाद फ्रांस (France) और ब्रिटेन (Britain) है।

अमरीका के साथ बातचीत का कोई आधार नहीं

लावरोव ने कहा कि मौजूदा संकट के मददेनजर हथियार नियंत्रण पर संयुक्त राज्य अमरीका के साथ बातचीत का कोई आधार नहीं है। हमारे खिलाफ छेड़े गए चौतरफा हाइब्रिड युद्ध (Hybrid War) के संदर्भ में, हथियार नियंत्रण और सामान्य तौर पर रणनीतिक स्थिरता पर संयुक्त राज्य अमरीका (United States of America) के साथ बातचीत का कोई आधार नहीं है। वहीं पश्चिम पर एकतरफा सैन्य श्रेष्ठता हासिल करने के प्रयास में गैर-परमाणु क्षमताओं का विकास करते हुए रूस और चीन के परमाणु शस्त्रागार पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रणाली

लावरोव ने कहा कि पश्चिम एक वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रणाली ( Global Missile Defense System) का निर्माण कर रहा है, जो प्रतिद्वंद्वी को नष्ट कर सकती है और यूरोप में परमाणु हथियारों को आधार बना रही है। वहीं दुनिया भर के क्षेत्रों में मध्यम और छोटी दूरी की मिसाइलों (Missiles) को आधार बना रही है और अंतरिक्ष में हथियार तैनात करने की तैयारी कर रही है।

रूस अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनाती का विरोध करता

पुतिन ने फरवरी में कहा था कि रूस अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती का विरोध करता है, और उनके रक्षा मंत्री ने वाशिंगटन ( Washington) के आरोपों से इनकार किया कि रूस अंतरिक्ष के लिए परमाणु क्षमता विकसित कर रहा है।

अंतरिक्ष का शांतिपूर्ण उपयोग चाहता है अमरीका

संयुक्त राज्य अमरीका का कहना है कि वह रक्षा क्षमताओं का अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुरूप अपनी विकास कर रहा है। उसका कहना है कि वह केवल बाहरी अंतरिक्ष का शांतिपूर्ण उपयोग चाहता है और उसकी मिसाइल रक्षा योजनाएं रक्षात्मक हैं।

दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप

लावरोव ने पश्चिम पर रूस को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार अभियान चलाने का भी आरोप लगाया। लावरोव ने कहा, “पश्चिम का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय का बाहरी अंतरिक्ष में वास्तविक खतरों से ध्यान भटकाना है, ताकि उनकी राष्ट्रीय सैन्य अंतरिक्ष क्षमताओं के निर्माण के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों का आवंटन हासिल किया जा सके।”

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