पेण्ड्रा पुलिस के अनुसार ग्राम अरमानटोला निवासी जीवन सिंह पिता सुकुल सिंह गोड़ (35) बस में क्लीनर था। वह शराब पीने का आदी था। 20 सितंबर को दोपहर 3 बजे उसकी पत्नी मान कुंवर बाई खेत में काम करने चली गई थी। उसके तीन बच्चे गांव में ही दादा सुकुल सिंह और दादी मोती बाई के घर खेलने चले गए थे। शाम को गांव में रहने वाला प्यारेलाल गोड़ जीवन के घर गया तो वह बिस्तर में मृत हालत में पड़ा था।
उसके सिर में वजनदार वस्तु से चोट के निशान थे। उसने सूचना जीवन के छोटे भाई अमर को मोबाइल पर कॉल कर दी। परिजन घर पहुंचे तो बिस्तर में उसकी लाश पड़ी थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। मृतक की पत्नी मान कुंवर ने पुलिस को पूर्व में मृतक जीवन के साथ विवाद होने वाले व्यक्तियों पर हत्या की आशंका व्यक्त की। पुलिस ने कुछ संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
कड़ाई से पूछताछ में पत्नी, मां और बाप ने उगला राज
मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी मान कुंवर, पिता सुकुल और मां मोती बाई को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की। तीनों ने जीवन सिंह की हत्या करना स्वीकार किया। तीनों ने बताया कि जीवन जमीन में हिस्सा देने की बात पर सभी से गालीगलौज और मारपीट करता था। वह लगातार कई वर्षों से उन्हें परेशान कर रखा था। 20 सितंबर को जीवन पेण्ड्रा गया था और वहां से शराब के नशे में घर आया और तीनों से गालीगलौज और मारपीट करने लगा। जमीन में हिस्सा देने की मांग करते हुए वह तीनों से मारपीट करने लगा। तीनों ने उसे मारने की बात कही और घर के अंदर ले जाकर सिलबट्टे के बट्टेसे उसके सिर पर ताबड़तोड़ हमला कर मौत के घाट उतार दिया।
गुमराह करने दोस्तों और दुश्मनों के नाम बताए
तीनों ने जीवन की हत्या करने के बाद उसके मर्डर के पीछे उसके मित्रों और दुश्मनों को फंसाने की योजना बनाई। तीनों ने गांव में रहने वाले एेसे व्यक्तियों के नाम पुलिस को बताए जिनसे मृतक का पूर्व में विवाद हो चुका था, लेकिन पुलिस ने भौतिक साक्ष्य जुटाने और बारीकी से जांच करने के बाद हत्या की गुत्थी सुलझा ली।