लगभग 117 साल पुरानी टनल के साथ अब आधुनिक सुविधाओं का समावेश हो चुका है। भनवारटंक-खोडरी सेक्शन में परिचालन के लिए उचित संचार माध्यम की अनुपलब्धता दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लिए कई वर्षों से चुनौती रही।
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Heritage Rail Tunnel of Chhattisgarh: डबल लाइन से युक्त इस सेक्शन में चढ़ाई, घने जंगल व अन्य कारणों से किसी भी प्रकार का ब्रेकडाउन होने की स्थिति में संचार का उचित माध्यम नहीं होने से पहले सूचना मिलने में लंबा समय लग जाता है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मंडल के संकेत एवं दूरसंचार विभाग ने एक अनूठी पहल करते हुए इस सेक्शन में मौजूद भनवारटंक डाउन लाइन टनल के पास एक गुमटी में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिये वाई-फ़ाई कॉलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।