बिलासपुर

भोलेनाथ का यह वो मंदिर हैं जहां सैकड़ों वर्ष पहले महाराजा विक्रामादित्य ने लगाए थे बम बम भोले के जयकारे

Unique shiv temple: यह मंदिर 1870 ई. में राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था, वे इसी मंदिर में भगवान भोलेनाथ की आराधना किया करते थे।

बिलासपुरJul 25, 2019 / 04:54 pm

Murari Soni

सावन के महीने में इस प्राचीन शिव मंदिर के दर्शन मात्र से ही दूर हो जाते हैं सारे कष्ट, दूर दूर से पहुंचते हैं लोग

बिलासपुर. बिलासपुर शहर(bilaspur city)से 50 किलोमीटर दूर अंबिकापुर मार्ग पर स्थित प्राचीन पाली शिव मंदिर(Unique shiv temple) देखने मात्र से ही लोगों के दुख दूर हो जाते हैं। यह सावन के महिनें में यहां दूर दूर से लोग पहुंचते हैं। कहा जाता है कि यह मंदिर 1870 ई. में राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। इसी मंदिर में वे भगवान भोलेनाथ(Unique shiv temple) की आराधना किया करते थे। इसके बाद 11 वीं- 12 वीं शताब्दी में कच्युरी राजा ने इस मंदिर का जीर्णाेधार कराया था। मंदिर में आकर्षक कलात्मक मूर्तियां हैं। कलाकृति से सजा मंदिर का मंडप है। मंदिर में सैकड़ों मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों में साधू, महात्मा भगवान भोलेनाथ की अराधना करते हुए दिखाई देते हैं।
 

मान्यता है कि मंदिर(Unique shiv temple) में भगवान भोलेनाथ की शरण में जो भी पहुंच जाता है, उसके कष्टों की समाप्ती हो जाती है। महाशिवरात्रि पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर (Unique shiv temple)में एक म्यूजियम भी है, जहां पर प्राचीन धरोहरों को संभाल कर रखा गया है। भगवान शिव के दर्शन करने यहां भक्तों की भीड़ लगी हुई है।

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