जगह-जगह किया गया स्वागत: पैदल यात्रियों का स्वागत जगह-जगह किया गया। सरकण्डा, कोनी, सेंदरी, रमतला, रानी गांव सहित अलग-अलग जगहों पर भक्तों का स्वागत-सत्कार किया गया। उनका मनोबल बढ़ाने के लिए चाय-कॉफी, शरबत, मिठाई, सूखे मेवे सहित कई तरह के फल बांटे गए।
कर नापते रहे भक्त: मां महामाया के दरबार में कर नापते हुए व घुटने के बल चलकर भी लोग पहुंचे। आस्था का जन सैलाब माता के दरबार में नजर आया। वहीं कुछ अपने परिवार के साथ माता के दर्शन रात्रि में करने पैदल ही मंदिर तक पहुंचे।
आज होगा मां महामाया का राजसी शृंगार: आदिशक्ति मां महामाया मंदिर में रविवार को अष्टमी नवमीं की पूजा की जाएगी। इसके साथ ही माता का राजसी शृंगार नवमीं के अवसर पर किया जाएगा। माता को स्वर्ण के आभूषणों से सजाया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ट उपाध्यक्ष पंडित सतीश शर्मा ने बताया कि नवमीं के दिन माता का राजसी शृंगार किया जाता है। उनका भोग व प्रसाद भी राजसी ही होता है। नवरात्रि में नवमीं के दिन ही माता का यह अलौकिक शृंगारित रूप भक्तों को देखने मिलता है।