यह भी पढें : Dhamtari News : तबाही मचा रही है बारिश, कोड़ेगांव-बी का पुल हुआ क्षतिग्रस्त,हाइवे में भरा 3 फीट पानी इसपर कार्रवाई करने का भी नियम है, लेकिन नगर निगम अधिकारियों ने शहर में एक भी कार्रवाई नहीं की है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर प्रिंटेड पेपर में खाद्य सामग्री रखकर खाने से पेपर की श्याही ऑयल और मिनरल समेत अन्य स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तत्व होने का खुलासा करते हुए इसपर पाबंदी लगाई थी।
यह वर्ष 2019 में हुआ था। आमतौर पर गर्म और गीले खाद्य पदार्थ प्रिंटेड पेपर में रखने से श्याही घुलकर खाद्य पदार्थों में घुलने लगती है। इसका असर सीधे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे कैंसर के रोग होने का खतरा अधिक रहता है।
500 से अधिक वेंडर इसी का कर रहे उपयोग शहर में सुबह नाश्ते की दुकान लगाने वाले 500 से अधिक वेंडर प्रिंटेड पेंपर में ही नाश्ता परोसरहे हैं। जितनी देर तक प्रिंटेड पेपर में खाने का सामान रहता है उतने समय तक गर्म और गीले खाने में घुलता है।
यह भी पढें : cg education : खुशखबरी ! फेल हुए सब्जेक्ट में पास होने का फिर से मिलेगा मौका , 2 हजार से ज्यादा छात्रों को मिलेगा फायदा यह आदेश पहले जारी हुआ था और निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को इसपर कार्रवाई करने के लिए अदेश जारी किए गए थे। इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को फिर से आदेश जारी कर कड़ाई से पाबंदी का पालन करने के आदेश दिए जाएंगे।