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बिलासपुर

Janamastami 2023 : इस जन्माष्टमी ऐसी है ग्रहों की चाल, श्री कृष्णा की तरह बुद्धिमान, ज्ञानी, धनवान और कूटनीतिज्ञ होंगे इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे

Janamastami 2023 : भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में अर्द्धधरात्रि 12 बजे वृष राशि स्थित चंद्र में हुआ था।

बिलासपुरSep 04, 2023 / 08:25 pm

Aakash Dwivedi

Janamastami 2023 : इस जन्मास्टमी ऐसी है ग्रहों की चाल, श्री कृष्णा की तरह बुद्धिमान, ज्ञानी, धनवान और कूटनीतिज्ञ होंगे इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे

Janamastami 2023 : इस जन्मास्टमी ऐसी है ग्रहों की चाल, श्री कृष्णा की तरह बुद्धिमान, ज्ञानी, धनवान और कूटनीतिज्ञ होंगे इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे

बिलासपुर. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में अर्द्धधरात्रि 12 बजे वृष राशि स्थित चंद्र में हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय वार, तिथि, नक्षत्र का संयोग इस वर्ष छह सितंबर बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में बन रहा है। ऐसे में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव स्मार्तों के लिए बुधवार 6 सितंबर को होगी और 7 सितंबर गुरुवार को वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे।
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ज्योतिषाचार्य पं. जागेश्वर अवस्थी के अनुसार इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन तिथि, नक्षत्र एवं वार का संयोग ऐसा बना रहा है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय बना था, लेकिन कुंडली में ग्रहों की स्थिति कृष्ण जन्म के समान नहीं है।
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फिर भी इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे बुद्धिमान और ज्ञानी होंगे तथा आर्थिक मामलों में संपन्न एवं कूटनीतिज्ञ होंगे। 6 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग, रोहिणी नक्षत्र तथा उच्च के चंद्रमा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
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भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण व उनके भाई बलराम की पूजा का खास महत्व है। इसी क्रम में हल छठ भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाएगी। इस बार हल षष्ठी व्रत महिलाएं 5 सितंबर मंगलवार को पुत्र की दीर्घायु व संपन्नता के लिए रखेंगी। ज्योतिषाचार्य अवस्थी के अनुसार षष्ठी तिथि बलराम प्रधान शास्त्र हल तथा मूसल की है।
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इसी कारण से इसे हलदार षष्ठी तिथि कहा जाता है। इस व्रत में महिलाएं प्रति पुत्र के हिसाब से 6 छोटे-छोटे मिट्टी के बर्तनों में पांच या सात भुने हुए अनाज तथा मेवा भरती हैं। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि शुरुआत 4 सितंबर शाम 4:40 बजे से शुरू होकर 5 सितंबर दोपहर 3.40 बजे तक रहेगी। उदया तिथि को देखते हुए हलछठ 5 सितंबर को मनाई जाएगी।
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पूजा का शुभ मुहूर्त

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की मध्य रात्रि 12.02 बजे से मध्य रात्रि 12.48 बजे तक रहेगा। जन्माष्टमी के लिए शहरवासी अपने घरों में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां प्रारंभ कर दी है। यादव समाज 7 सितम्बर को इमलीपारा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाएगा अष्टमी ।
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6 सितंबर को दोपहर 3.37 बजे से 7 को शाम 4.14 बजे तकभाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3.37 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर शाम 4.14 बजे तक रहेगी। इस साल रोहिणी नक्षत्र 6 सितंबर की सुबह 9 बजे से 7 सितंबर की सुबह 10:25 बजे तक रहेगा।
शेषनाग के अवतार हैं बलराम

बलराम को हलधर के नाम से भी जाना जाता है। धरती पर धर्म की स्थापना करने जब-जब नारायण ने अवतार लिया तब-तब शेषनाग ने भी जन्म लिया। द्वापर युग में श्रीकृष्ण के बड़े भाई तो त्रेता में भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में जन्म लिया।

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