बिलासपुर

तीन अटेम्प्ट में भी नहीं निकाल पाया प्री, चौथे में किया कमाल, बना IPS, मिला छत्तीसगढ़ कैडर

CG IPS Abhishek Chaturvedi: अभिषेक ने कहा कि छत्तीसगढ़ कैडर न चुनने के लिए उनके पास कोई वजह नहीं है, क्योंकि पता है, यह कैसा राज्य है। यहां के लोग भी बहुत सरल और सहज हैं। यही यहां की खूबसूरती है…

बिलासपुरJan 16, 2024 / 05:02 pm

चंदू निर्मलकर

IPS Abhishek Chaturvedi story: सोमवार को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 2023 में चयनित आईपीएस अफसरों के कैडर की लिस्ट जारी की है, जिसमें बिलासपुर के अभिषेक कुमार चतुर्वेदी को छत्तीसगढ़ कैडर मिला है। इसके अलावा 4 और आईपीएस को छग कैडर दिया गया है। अभिषेक ने कहा कि छत्तीसगढ़ कैडर न चुनने के लिए उनके पास कोई वजह नहीं है, क्योंकि पता है, यह कैसा राज्य है। यहां के लोग भी बहुत सरल और सहज हैं। यही यहां की खूबसूरती है।
इंटरव्यू में पूछा था छग में कैसे बढ़ेगी इकोनॉमी

यहां काम करना मेरे लिए कोई तोहफा से कम नहीं होगा। आईपीएस अभिषेक चतुर्वेदी ने अपनी स्कूली पढ़ाई बिलासपुर से की और चेन्नई में इजीनियरिंग की। इजीनियरिंग के आखिरी साल कॅरियर को लेकर जब सोच रहे थे, तब आईपीएस के बारे में सोचकर दिल्ली में एक साल तैयारी करने के बाद कोविड-19 का दौर शुरू हो गया। इसके चलते अभिषेक दिल्ली से वापस बिलासपुर आ गए थे।
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उन्होंने बिलासपुर में ही रहकर यूपीएससी की तैयारी की। इसके बाद एक के बाद एक 3 अटेम्प्ट दिए, लेकिन वे यूपीएससी परीक्षा में वे प्री भी नहीं पास कर सके। अभिषेक ने बताया कि 3 बार जब प्री नहीं निकला तो लगा कि अब नहीं हो पाएगा। यहीं पर तैयारी छोड़ देनी चाहिए, लेकिन उन्होंने बताया कि फिर फैमिली व कुछ दोस्तों का सपोर्ट मिला, तो उन्होंने हार नहीं मानने की बात कही। इसके बाद फिर से वह तैयारी में लग गया। चौथे अटेम्प्ट में प्री, मेन और इंटरव्यू भी पास कर लिया और 2023 कैडर का आईपीएस बन गया। अभिषेक अभी हदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं। अभिषेक ने कहा कि यूपीएससी में मेहनत सब करते हैं, लेकिन बहुत हद तक किस्मत भी साथ होना चाहिए। खास बात यह है कि सोमवार को जब भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने कैडर की लिस्ट जारी की है, जिसमें आईपीएस अभिषेक
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चतुर्वेदी को छत्तीसगढ़ कैडर मिला है।

यूपीएससी के इंटरव्यू एक्सपर्ट ने सवाल पूछा था कि छग में इकोनॉमी कैसे बढ़ेगी? जवाब में अभिषेक ने बताया कि छग में टूूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं। युवा हाइकिंग और ट्रैकिंग पसंद करते हैं और आजकल के युवा इंफ्युएंसर अच्छे जगहों को एक्सप्लोर कर रहे हैं। इस सभी के माध्यम से प्रमोशन करे तो छग में टूरिज्म बढ़ेगा और इससे इकोनॉमी बढ़ेगी।
दूसरा सवाल पूछा कि छग कैडर चाहते हो और क्यों चाहते हो? जवाब में अभिषेक ने कहा कि मेरे पास कोई वजह नहीं है कि छग को न चुन सकूं। मुझे पता है छग कैसा, यहां लोग बहुत अच्छे हैं।
तीसरा सवाल था कि यूपीएससी ही क्यों चुना? जवाब में अभिषेक ने कहा एक तरह का उनका यह सेल्फिस डिसीजन था, अगर कॉर्पोरेट की दुनिया को चुनता तो मेरा खुद का ग्रोथ नहीं होता और यूपीएससी मुझे हर दिन कुछ नया करने का मौका देगा। कुछ सीखने को मिलेगा। जॉब सेटिफेक्शन होगी।
8 घंटे करता था पढ़ाई…

आईपीएस अभिषेक चतुर्वेदी ने बताया कि वे एवरेज 8 घंटे पढ़ाई करता था। सुबह 4 घंटे और शाम को लगभग 8 घंटे, लेकिन पढ़ाई काफी स्ट्रक्चर्ड रूप से कर रहा था। साथ ही बताया कि काफी हद तक खुद घर के कमरे में बंद कर लिया था। कुछ दोस्त थे सिर्फ उन्हीं के साथ टेनिस खेलते था। बाकी समय घर पर ही रहते थे और लोगों से सोशल नहीं था। यानी खुद को पूरी तरह से आइसोलेशन में रहकर तैयारी की थी। लाइब्रेरी और ग्रुप स्टडी डिस्ट्रक्टिव लगता था, इसलिए अकेले पढ़ता था।
लाइफ में एक चांस लेना पड़ता है: पिता
आईपीएस अभिषेक के पिता विनय चतुर्वेदी बिलासपुर जीएम ऑफिस में चीफ कंट्रोलर हैं। उन्होंने बताया कि अभिषेक का सपोर्ट हर परिस्थिति में किया। साथ ही कहा कि लाइफ में एक चांस लेना पड़ता है, तो हमने अभिषेक के लिए भी यही सोचा था और उसने अपने आपको साबित भी करके दिखाया है।

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