नौ दिनों तक माता रानी के जयकारों के साथ-साथ आरती की स्वरलहरियां गूंजेंगी। तोरवा पावर हाउस के पास प्रतिमा बनाने वाले कारीगर तपन दादा ने बताया कि पिछले सालों के मुकाबले निर्माण सामग्री के दाम बढ़ गए हैं। हमारे यहां कोलकाता की काली मिट्टी से प्रतिमाएं तैयार की जाती है। इसका इस्तेमाल फिनिशिंग के लिए किया जाता है। यह मिट्टी 400 रुपए प्रति बोरी आती है। इसी प्रकार अन्य सामग्री के दाम भी बढ़े हुए हैं। यहां से तखतपुर, बिल्हा, मस्तूरी, मल्हार, अकलतरा सहित विभिन्न स्थानों के लिए भी प्रतिमाओं के ऑर्डर मिले हैं।
पंडालों में शुरू हुआ रंग रोगन, शृंगार कर दे रहे प्रतिमाओं को अंतिम रूप मूर्तिकारों के पंडालों में कारीगर देवी प्रतिमाओं का रंग रोगन और श्रृंगार कर अंतिम आकार देने में जुटे हुए हैं। दिन रात कारीगर काम में जुटे हुए हैं। शहर के अधिकांश पंडालों में इन दिनों प्रतिमाओं के रंग-रोंगन का सिलसिला शुरू हो गया है।
इसी प्रकार शहर में जगह-जगह सजने वाली झांकियों का निर्माण कार्य भी इन दिनों अंतिम चरणों में चल रहा हैं। यहां भी कारीगर दिन रात काम में जुटे हुए हैं। शहर में इस बार भी कई धार्मिक स्थलों पर आधारित झांकियों का निर्माण किया गया है। कई स्थानों पर लाखों की लागत से झांकियों का निर्माण किया जा रहा हैं। जगह-जगह गरबा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा और झांकी स्थलों पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।