READ MORE : हेल्थ स्मार्ट कार्ड में जीरो बैलेंस अफसरों पर भड़के प्रमुख सचिव खर्च बहुत ज्यादा है, लगभग 14 से 17 लाख रुपए। मेरी आय का जरिया ऑटो है, जिससे मैं उसका इलाज निरंतर करा रहा हूं, चूंकि अब खर्च इतना ज्यादा है कि इतना पैसा एकत्र करना मुश्किल है इसलिए मैं लोगों से सहयोग मांग रहा हूं, ताकि मेरा मासूम बच्चा स्वस्थ हो जाए। मुख्यमंत्री, सांसद व स्कूलों व अन्य संस्थाओं से मदद मिल रही है, जिससे आधे पैसे जमा हुए हैं। लोगों से मदद मिलेगी तो मेरा बेटा बच सकेगा।
इंसानियत के नाते करें मदद : कठपुतली नाट्य व कला संस्थान की किरण मोइत्रा ने बताया कि वह ऑटो चालक कोमल दिवाकर की इंसानियत के नाते मदद कर रही है ताकि उसके बच्चों को नया जीवन मिल सके। एक गरीब आदमी के लिए इतना ज्यादा पैसा जुटा नामुमकिन है एेसे में शहर के लोगों को भी इंसानियत के नाते अवश्य मदद करनी चाहिए। यदि हमारे सहयोग से किसी का भला होता है तो हर किसी को खुशी को मिलेगी। हम बहुत सारा पैसा व्यर्थ ही खर्च कर देते है एेसे में जरूरतमंद की सहायता थोड़े-थोड़े पैसे देकर अवश्य करे।
पत्नी भी गुजरी है 6 माह पहले : ऑटो चालक कोमल दिवाकर की पत्नी ६ माह पहले ही किडनी फेलियर के कारण चल बसी है। उसके इलाज के लिए भी बहुत खर्च किया और अब एका एक बच्चे को इतनी बड़ी बीमारी ने घेर लिया है जिससे वह पूरी तरह से टूट गया है।
इंसानियत के नाते करें मदद : कठपुतली नाट्य व कला संस्थान की किरण मोइत्रा ने बताया कि वह ऑटो चालक कोमल दिवाकर की इंसानियत के नाते मदद कर रही है ताकि उसके बच्चों को नया जीवन मिल सके। एक गरीब आदमी के लिए इतना ज्यादा पैसा जुटा नामुमकिन है एेसे में शहर के लोगों को भी इंसानियत के नाते अवश्य मदद करनी चाहिए। यदि हमारे सहयोग से किसी का भला होता है तो हर किसी को खुशी को मिलेगी। हम बहुत सारा पैसा व्यर्थ ही खर्च कर देते है एेसे में जरूरतमंद की सहायता थोड़े-थोड़े पैसे देकर अवश्य करे।
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