बिलासपुर

ठीक पढ़ाई करो वरना मेरी तरह बनना पड़ेगा चपरासी, नाराज बेटे और पिता ने एक ही फंदे से दे दी जान

पिता जयप्रकाश को पता चला कि उसका बेटा दसवीं की परीक्षा में सप्लीमेंट्री आया है तो पिता ने बेटे को डांट लगाते हुए कहा कि तुम सप्लीमेंट्री आए हो ठीक से पढ़ाई क्यों नही करते हो या मेरी तरफ फ्यून बनकर ही जिंदगी गुजारनी है ।

बिलासपुरJun 29, 2021 / 12:25 pm

Karunakant Chaubey

बिलासपुर. बुधवारी बाजार स्थित आंध्रा स्कूल के प्यून और उसके बेटे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । फांसी लगाने का कारण यह सामने आ रहा है कि बेटे के सप्लीमेंट्री आने पर पिता ने उसे फटकार लगाई थी । पहले बेटे ने डांट के बाद फांसी लगा ली और फिर उसी फंदे पर पिता भी झूल गया । बेटी की सूचना पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार निशांत पिता जय प्रकाश (17) विशाखापट्टनम में रहकर दसवीं की पढ़ाई कर रहा था । कोविड-19 की वजह से वह पहले लॉक डाउन के बाद से ही बिलासपुर स्थिति अपने घर पर रहकर ही ऑनलाइन पढ़ाई करता था । शनिवार रात को पिता जयप्रकाश को पता चला कि उसका बेटा दसवीं की परीक्षा में सप्लीमेंट्री आया है तो पिता ने बेटे को डांट लगाते हुए कहा कि तुम सप्लीमेंट्री आए हो ठीक से पढ़ाई क्यों नही करते हो या मेरी तरफ फ्यून बनकर ही जिंदगी गुजारनी है ।

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बेटे को पिता की डांट इतनी नागवार गुजरी की पिता के बाथरूम जाने के बाद वह अपने कमरे में गया और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । भाई को फांसी लगाता देख बहन कीर्ति ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया और पिता को बाहर निकलने को कहा। बाहर निकलने के बाद पिता ने दरवाजे को तोड़कर बेटे को फंदे से नीचे उतारा लेकिन तब तक निशांत की सांसे रुक चुकी थी ।

पिता ने मुंह से ऑक्सीजन देने और सीने पर प्रेशर दिया ताकि बेटा किसी तरह सांस लेना दोबारा शुरू कर सके लेकिन जी निशांत की मौत हो चुकी थी । देर रात पिता ने बेटी को किसी को भुलाने के लिए भेजा । बेटी पिता की बात मानकर किसी को बुलाने चली गई ।

बेटे की मौत से दुखी पिता ने उसी फंदे को अपने गले में लगाया और खुद भी फांसी के फंदे पर झूल गया । बेटी जब वापस लौटी तो उसने देखा कि पिता की लाश भी फंदे से झूल रही थी । बेटी कीर्ति ने मामले की सूचना सिरगिट्टी थाने को दी । पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा कर लिया है और आगे की कार्यवाही कर रही है।

मां है मानसिक रोगी

जयप्रकाश की पत्नी मानसिक रूप से विक्षिप्त है वह ना तो बोल सकती है और ना ही कोई प्रतिक्रिया देती है । घर में मातम छाया हुआ था लेकिन पति और बेटी की मौत पर भी मां मुस्कुराती घर में घूम रही थी । मां की पूरी जिम्मेदारी अब बेटी कीर्ति के कंधों पर आ गई है।

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