संकष्टी चतुर्थी पर गणेश पूजा का महत्व…
Sankashti Chaturthi : भगवान गणेश को शास्त्रों में विघ्नहर्ता कहा जाता है। इनकी पूजा उपासना करने से मनुष्य के जीवन से कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं। संकष्टी चतुर्थी के दिन जो सच्चे मन से गौरी पुत्र भगवान गणेश का ध्यान करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं और जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि का वास होता है।
हिंदू धर्म में गणेश पूजा को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है किसी भी पूजा या शुभ कार्य से पहले गणपति बप्पा की पूजा की जाती है पंचांग के अनुसार, हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। माना जाता है कि इस चतुर्थी पर गणेश पूजा करने पर घर में धन और वैभव आती है। इसके अतिरिक्त विवेक और ज्ञान की प्राप्ति भी होती है।
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संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि…
– अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन जल्दी सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। अगर संभव हो तो इस दिन हरा कपड़ा पहनें। – स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेते हुए गणपति की पूजा-आराधना आरंभ करें।
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संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त
पूजा मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 03 मिनट से सुबह 09 बजकर 30 मिनट तक