पुलिस के अनुसार मस्तूरी जयराम नगर निवासी महेश पाल पिता गेंदराम पाल (24) बेरोजगार है। सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे महेश पाल की पहचान पुलिस लाइन निवासी आरक्षक पंकज शुक्ला से हुई। आरक्षक पंकज शुक्ला ने महेश को बताया कि वह आईजी कार्यालय बिलासपुर में पदस्थ है। आरक्षक ने महेश को झांसा दिया कि उसका पुलिस विभाग में बड़े अधिकारियों से परिचय होने का झांसा देकर डीजीपी कोटा के तहत उसकी नौकरी पुलिस विभाग में आसानी से लगवा सकता है।
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Cheating in the name of giving job: महेश ने बताया कि उनके कुछ दोस्त हैं वह भी रुपए देकर पुलिस विभाग में नौकरी लगना चाहते हैं। आरोपी ने 21 लोगों से अलग अलग किस्तों में 1 करोड़ 13 लाख रुपए ले लिए । फिर फरार हो गया। पीड़ित महेश पाल व अन्य की शिकायत पर पुलिस आरक्षक पंकज शुक्ला व जीजा रमाशंकर पांडेय उर्फ राजा के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत अपराध दर्ज उनकी तलाश कर रही है। फर्जीवाड़ा में गिरफ्तार हुआ तो चला पता पीड़ित महेश पाल ने बताया कि जून 2022 में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नौकरी लगाने के नाम पर भाजपा पार्षद, निगम कर्मी के साथ मिलकर ठगी के आरोप में आरक्षक गिरफ्तार हुआ है। आरक्षक के गिरफ्तार होने की जानकारी लगते ही आरक्षक की जालसाजी का खुलासा हुआ।
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इन पीड़ितों से लिए 1 करोड़ 13 लाख पुलिस में ए.एस.आई (एम ) के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर आरोपी पंकज शुक्ला ने अपने जीजा रामशंकार पांडेय के साथ मिलकर महेश पाल से 8 लाख, किशन पाल से 8 लाख, टिकेश्वर पाल से 8 लाख, रोहित तिवारी से 3 लाख, सुरेश पाल से 8 लाख, हिंसाराम निर्मलकर से 16 लाख, दिनेश कुमार पाण्डेय से 6 लाख 50 हजार, त्रिलोकी सिंह मार्को से 2 लाख 50 हजार, सुरेश कश्यप से 3 लाख, मोतीलाल मिश्रा से 6 लाख रामचंद उपाध्याय से 6 लाख, अभिजीत सिंह से 5 लाख, भीमसेन राठौर से 3 लाख, वेद प्रकाश मिश्रा से 3 लाख, गणेश पाल से 4 लाख, दिनेश पाल से 4 लाख, नरेन्द्र कुमार साहू से 7 लाख, विपिन प्रकाश मिश्रा से 3 लाख विरेन्द्र त्रिपाठी 3 लाख, रवि पाठक से 3 लाख व विनोद मिश्रा से 3 लाख रुपए लेकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। शिकायत पर की जा रही मामले की जांच आरोपी पूर्व में भी ठगी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। वर्तमान में वह फरार चल रहा है। शिकायत पर अपराध दर्ज कर आरोपी की जांच की जा रही है।
– संदीप पटेल, सीएसपी सिविल लाइन
– संदीप पटेल, सीएसपी सिविल लाइन