मां को ऐसे बचाया ठगी से
परसदा निवासी एक शिक्षिका ने फ्लिपकॉर्ट से सूट मंगाया था। दो दिन बाद उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आया कि उनका सामान कोटा क्षेत्र के गनियारी में अटका हुआ है। शिक्षिका ने कहा कि उन्होंने तो अपना पूरा एड्रेस नोट कराया था, फिर वहां सामान क्यों अटक गया। इस पर कॉलर ने कहा कि कुछ तकनीकी गड़बड़ी होने की वजह से सामान एड्रेस पर नहीं पहुंच पाया। इसके लिए एक लिंक सेंड कर रहा हूं, उसे टच करते ही ओटीपी आएगा, उसे बता दीजिए तो सामान आपके घर तक आसानी से पहुंच जाएगा। शिक्षिका ने लिंक टच किया तो ओटीपी आया। वह ओटीपी कॉलर को सेंड करने ही वाली थीं कि पास बैठे 11 साल के बेटे ने रोकते हुए कहा कि आजकल ऐसे फ्राड कॉल बहुत आते हैं। जिसमें लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। उन्हें स्कूल में इसकी जानकारी दी गई है। इस पर मां ने कुछ सोचते हुए अपने हाथ रोक लिए और ओटीपी नहीं भेजा। दूसरे दिन फिर कॉल आया और ओटीपी नहीं बताने पर नाराज होते हुए कहा कि ऐसे में सामान नहीं मिलेगा। शिक्षिका ने बिना बात किए कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। तभी कुछ देर बाद फ्लिपकॉर्ट का डिलीवरी बॉय सामान लेकर आ गया।
महिला ने उससे पूछा कि क्या उन्होंने ही ओटीपी मांगा था, तो उसने इनकार कर दिया। उसे पूरा मामला बताने पर डिलीवरी बॉय ने कहा कि न तो उनका सामान गनियारी में अटका था और न कंपनी ने कोई ऐसा कॉल किया है। इतना सुनते ही शिक्षिका समझ गई कि बेटे की बात मानने से वह ठगी होने से बच गई।
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