Outbreak of diarrhea: 15 patients reached Chantidih health camp, one woman died
बिलासपुर. चांटीडीह क्षेत्र में फैले डायरिया का असर हालांकि अब कम जरूर हुआ है, पर मरीज अभी भी स्वास्थ्य कैंप व अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। मंगलवार को कैंप में इलाज के लिए १५ मरीज पहुंचे, जिसमें एक की हालत गंभीर होने की वजह से उसे तत्काल जिला अस्पताल रेफर कर भर्ती कराया गया है, वहीं जानकारी के अनुसार ६५ वर्षीय महिला धनकुंवर की मौत हो गई। इधर शहर के विभिन्न इलाकों से डायरिया के मरीजों का अस्पतालों में पहुंचना जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्तमान में ५० से अधिक मरीज अब भी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।।
पिछेले दिनों चांटीडीह क्षेत्र में अचानक डायरिया का जैसे विस्फोट हो गया था। ४० से ज्यादा मरीज जिला अस्पताल व सिम्स में भर्ती हो गए। इसी क्रम में लगातार मरीज आने लगे। शनिवार तक तो चांटीडीह समेत शहर के अन्य इलाकों से विभिन्न अस्पतालों में १६४ से ज्यादा मरीज भर्ती हो गए थे। उसके बाद हालांकि स्थिति में सुधार जरूर हुआ है, पर ऐसे मरीजों के आने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। चांटीडीह में डायरिया के प्रकोप के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने कैंप ही लगा दिया है, जिससे इलाके के लोगों को अस्पतालों में न भटकना पड़े। उनका मोहल्ले में ही इलाज हो सके। मंगलवार को इसी कैंप में १५ डायरिया के मरीज पहुंचे। इसमें एक की हालत गंभीर होने की वजह से उसे तत्काल जिला अस्पताल रेफर किया गया। यहां अब उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। इसी तरह जिला अस्पताल व सिम्स में शहर के विभिन्न इलाकों व ग्रामीण क्षेत्रों से भी डायरिया के मरीज पहुंच रहे हैं। बुधवार को ऐसे ७० से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचे।हालांकि स्थिति को सुधारने स्वास्थ्य विभाग ने कमर कसते हुए चांटीडीह में तत्काल दो डॉक्टरों को तैनात करने के साथ ही स्वास्थ्य कैंप लगवाया और गंभीर मरीजों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था बनाई गई। डॉक्टरों ने बीमारी की मुख्य वजह गंदा पानी पीना बताया। लिहाजा नगर निगम के अधिकारी भी जागे और सर्वे कर ऐसे स्थानों का पता लगाया गया जहां नालियों में डूबी पाइप लाइन जर्जर हो चुकी है, जिसकी वजह से गंदा पानी घरों तक पहुंच रहा है। रविवार को ऐसे स्थानों में जर्जर पाइप लाइनों को बदल कर नई पाइप लाइन बिछानी शुरू की गई। जिस बोरवेल में पानी कम आ रहा था, उस बोलवेल में बड़ा मोटर डाला गया है, ताकि घरों तक पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंच सके। इसके अलावा नालियों के सफाई के लिए निर्देश दिए गए हैं।
नगर निगम पाइप सुधारने में अब भी बरत रहा कोताही
शहर के चांटीडीह, तालापारा, टिकरापारा, मंगला समेत अन्य इलाकों में पेय जल सप्लाई वाली पाइप लाइने बजबजाती नालियों में डूबी हुई हैं। ये पाइप लाइनें भी जगह-जगह से फूट गई हैं। लिहाजा नाली का गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। इसकी लगातार शिकायत के बाद भी नगर निगम अनदेखी कर रहा है। चांटीडीह में डायरिया फैलने की वजह से जब मामला जिला प्रशासन के सामने आया तो मजबूरन नगर निगम के अधिकारियों को यहां जर्जर पाइप लाइनों को सुधारना पड़ा। लेकिन दूसरे इलाकों में अब भी स्थिति जस की तस है। लोगों का कहना है कि चांटीडीह की ही तरह दूसरे इलाकों में भी डायरिया फैलने का इंतजार निगम को है, तभी वहां भी पाइप लाइन दुरुस्त की जाएगी या बदली जाएगी।
मितानिनों की लगाई गई ड्यूटी
शहर के डायरिया के बढ़ते मरीजों के मद्देनजर सीएमएचओ ने मितानिनों को घर-घर क्लोरीन टेबलेट या लिक्विड व ओआरएस पाउडर बांटने की ड्यूटी लगा दी है। जमीनी हकीकत यह है कि अभी तक ये मितानिनें अपने इस काम में नगर ही नहीं आ रही हैं। लोगों को पानी स्वच्छ करने स्वयं क्लोरीन टेबलेट या इसकी लिक्विड खरीदनी पड़ रही। जरूरत पडऩे पर ओआरएस भी खरीदना पड़ रहा है।
&चांटीडीह स्वास्य कैंप में मंगलवार को डायरिया के १५ मरीज ही इलाज कराने पहुंचे। इसमें एक को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। इस इलाके में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। मितानिनों की ड्यूटी लगाई गई है कि वो अपने क्षेत्र के घरों घर जाकर क्लोरीन टेबलेट व ओआरएस बांटते हुए लोगों को इस बीमारी से बचने जागरूक करें । वो नहीं जा रहीं, इसकी अभी तक शिकायत नहीं मिली है। फिर भी इस संबंध में जांच की जाएगी। लोगों से अपील है कि वे पानी छान व उबाल की पीएं।
डॉ. राजेश शुक्ला, सीएमएचओ