ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा का पालकी पर आगमन देश और दुनिया के लिए चिंता का विषय हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट, महामारी के फैलने का डर और अप्राकृतिक घटनाओं की संभावना अधिक रहती है। साथ ही, देश और विदेशों में हिंसा और स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हो सकती है। इस बार के नवरात्रि में माता रानी की विशेष कृपा पाने के लिए भक्तों को विशेष रूप से पूजा-पाठ और नियमों का पालन करना चाहिए।
इतनी ज्योत से जगमग होंगे ये मंदिर
महामाया मंदिर, रतनपुर 25000तिफरा काली मंदिर 3000
मरहीमाता मंदिर 200
जरहाभाठा दुर्गा मंदिर 120
मरीमाई मंदिर रेलवे 105
कुदुदंड काली मंदिर 101
हरदेव लाल मंदिर 101
दुर्गा मंदिर पुलिस लाइन 51
सतबहिनिया मंदिर 51
दुर्गा मंदिर जवाली पुल 21
Navratri 2024: कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए दो प्रमुख मुहूर्त हैं-प्रात: काल: सुबह 6:19 बजे से 7:23 बजे तक
दोपहर काल: 11:46 बजे से 12:33 बजे तक
कलश स्थापना की विधि
● एक मिट्टी के पात्र में थोड़ी मिट्टी डालें और उसमें जौ के बीज मिलाएं। ● तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और मौली बांधें। ● लोटे में जल भरें और उसमें गंगाजल मिलाएं। ● लोटे के ऊपर दूब, अक्षत, सुपारी और कुछ पैसे रखें। ● आम या अशोक की पत्तियां कलश के ऊपर रखें। ● एक नारियल को लाल चुनरी से लपेटकर मौली बांधें और इसे कलश के बीच में स्थापित करें।
● कलश स्थापना के दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें, ताकि देवी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।