READ MORE – जिले में अतिथि शिक्षक के 63 पद पर निकली भर्ती, इस तरह करें आवेदन मुंगेली नाका व्यापारी संघ की ओर से शव वाहन संचालित की जाती है। जिसके द्वारा मृतक को अंत्येष्टि के लिए मुक्तिधाम तक पहुंचाया जाता है। शनिवार को शव वाहन चलाने वाले ड्राइवर की मां आगनेस थामस गुजर गई (after mothyer’s death) । सुबह आठ बजे के आस पास उसकी मां के मौत की सूचना मिली। वह तुरंत मां के पास गया। वहां जाकर परिजनों से मिला फिर भावुक माहौल से वापस आकर अपने अंदर दर्द को दबाकर शव वाहन पूरे दिन चलता रहा। इतना ही नहीं वह अपनी मां को अंतिम विदाई देने कब्रस्तान भी नहीं जा सका (graveyard) । शाम को जब काम पूरा कर लिया तब कब्रस्तान गया वहां मां की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
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मुंगेली नाका व्यापारी संघ के त्रिपाल सिंह भोगल ने बताया कि दिन में चार लोगों की बुकिंग थी शव वाहन से मुक्तिधाम तक ले जाने की। ऐसे में ड्राइवर के नहीं होने से परेशानी होती। हमने बैस्टिन को कहा अपने परिवार को प्राथमिकता दे लेकिन उसने इंसानियत के नाते यह कार्य किया। उसने बहुत ही अच्छा कार्य किया।
मुंगेली नाका व्यापारी संघ के त्रिपाल सिंह भोगल ने बताया कि दिन में चार लोगों की बुकिंग थी शव वाहन से मुक्तिधाम तक ले जाने की। ऐसे में ड्राइवर के नहीं होने से परेशानी होती। हमने बैस्टिन को कहा अपने परिवार को प्राथमिकता दे लेकिन उसने इंसानियत के नाते यह कार्य किया। उसने बहुत ही अच्छा कार्य किया।
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बैस्टिन थामस ने बताया कि वह हर रोज मृतकों की अंत्येष्टि के लिए शव वाहन से मुक्तिधाम तक ले जाता है। शव वाहन नहीं मिलती तब परिवार वाले परेशान हो जाते है। ऐसा कई बार होता रहा है ऐसे में यदि मैं अपनी मां का सोचकर अपना काम नहीं करता तो वो चार परिवार पूरे दिन परेशान रहते। ऐसे समय में कितनी पीड़ा होती है यह मैं अच्छी तरह से समझ सकता हूं। इसलिए मैंने उन चार परिवारों का सोचा और परेशानी न हो इसलिए अपना फर्ज पूरा किया।
बैस्टिन थामस ने बताया कि वह हर रोज मृतकों की अंत्येष्टि के लिए शव वाहन से मुक्तिधाम तक ले जाता है। शव वाहन नहीं मिलती तब परिवार वाले परेशान हो जाते है। ऐसा कई बार होता रहा है ऐसे में यदि मैं अपनी मां का सोचकर अपना काम नहीं करता तो वो चार परिवार पूरे दिन परेशान रहते। ऐसे समय में कितनी पीड़ा होती है यह मैं अच्छी तरह से समझ सकता हूं। इसलिए मैंने उन चार परिवारों का सोचा और परेशानी न हो इसलिए अपना फर्ज पूरा किया।