युवक की गुटखा खाने से मौत लेकिन बिमारी नहीं है वजह, पढ़ें हैरतअंगेज खबर
जानकारी के अनुसार मामला गौरेला विकासखंड के मातृ एवं शिशु अस्पताल का है। जहां 7 अगस्त को सारबहरा रेलवे स्टेशन पर बीमार पड़े व्यक्ति को 108 एंबुलेंस से इलाज के लिए MCH अस्पताल लाया गया था, लेकिन बेसुध और बीमार व्यक्ति अपने परिजनों का पता और नाम बताने में पूरी तरह सक्षम नहीं था, जिससे उसका किसी ने सुध नहीं लिया।अगर आप भी olx पर ढूंढ रहे हैं सेकेण्ड हैंड बाइक तो इस आर्मी वाले से बच के रहना
मृतक का एक हाथ टूटा हुआ था, जिसमें काफी सूजन आ गई थी। लेकिन पीड़ित टूटे हाथ से भी वह मक्खियों को भगाने की कोशिश करता रहा। अस्पताल परिसर में पड़े होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन के दर्जनों कर्मचारी वहां से गुजरते रहे, लेकिन किसी ने भी इसे भर्ती कराने या इलाज की जहमत नहीं उठाई। अस्पताल की संवेदनहीनता पर उठे सवाल मामले में सामाजिक कार्यकर्ता आलोक तिवारी ने कहा कि खबर मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे, लेकिन जब तक इलाज कराते तब तक वो अज्ञात व्यक्ति समय पर इलाज नहीं मिलने से दम तोड़ चुका था। पुलिस ने नगर पंचायत के सफाईकर्मियों की मदद से अंतिम संस्कार कराया, लेकिन इस तरह की लापरवाही (shame on humanity) ने अस्पताल प्रबंधन पर सवालिया निशान लगा दिया है।